शिवपाल यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हे, उन्होंने प्रेसकॉन्फरन्स में कहा की हम भारतीय जानना पार्टी को उप में रोकना चाहते हे और उसके लिए एक विचारधारा के सभी पार्टयों को एक होना पड़ेगा! उनकी यह बात से लोग अंदाजा लगा रहे है की शिवपाल यादव सीधे तौर पे नहीं तो किसी और माध्यम से अपने भतीजे को सन्देश पहुंचना चाहते हे की अब साथ मिलके इलेक्शन लड़ने का समय आ गया हे। आपको बता दे की २०१७ और २०१९ में समाजवादी पार्टी में मन मुटाव हुए थे जिसमे मुलायम जी और अखिलेश हो या फिर चाचा शिवपाल।
जैसा की आप जानते हे आखरी चुनाव यानि २०१७ में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साथ में लड़ी थी वही बीजेपी और BSP ने किसी भी बड़े दल के साथ अलायन्स नहीं किआ था। २०१७ का चुनाव जैसे बीजेपी ने अपनी मुठी में कर लिया था। तब मोदी जी का नाम और योगी जी की महेनत ने बीजेपी को ४०३ में से ३१२ सीट पर जित दिला दी थी। २०१७ इलेक्शन में बीजेपी को ३१२ , BSP को १९ और समाजवादी पार्टी को ४७ सीट मिली थी। वह चुनाव एक तरफ़ा रहा था और बीजेपी ने शानदार जित दर्ज की थी।
कुछ ही समय में up में फिर से चुनाव आ रहे हे प्रदेश में चुनावी माहौल बन ने लगा हे, इसी के बिच शिवपाल २ , ३ बार यह बोलते देखे गए की बीजेपी को रोकने सामान विचार धरा वाले लोग एक मंच पर आय। इस पर एक पत्रकारने प्रश्न पूछते हुए पूछा की क्या आप समाजवादी पार्टी से गढ़बंधन करो गे तब उन्होंने बताया की अगर उनको मुख्यमंत्री बनना हे तो उनको यह सोचना चाहिए , उनका सीधा सन्देश जैसे अखिलेश के लिए हो ! उस अंदाज में उन्होंने बताया की २ नो साथ मिलके बीजेपी का सामना और अच्छी तरह कर सकते हे।
२०२२ की शरुआत में up में इलेक्शन का डंका बजेगा उसी के चलते अलग अलग पार्टी जनता के बिच जा रही हे और अपने सन्देश पंहुचा रही हे, अब देखना रहा की इस बार २०२२ में up में CM की खुर्सी पे कोन बैठता हे।