महंगाई हर दिन बढती जा रही है. पेट्रोल डीजल की कीमत तो बढ़ ही रही थी उसके साथ साथ गेस और खाने के तेल की कीमत भी बढ़ रही थी. आज हाल ऐसा है की मेनगे की मार के चलते माध्यम वर्ग का बजट हिल गया है. आमदनी बढ़ नहीं रही है क्यों की देश में कोरोना के कहर की वजह से कारोबार भी थप है. इसमे सरकार आपके लिए एक अच्छी खबर लेकर आई है. खाने के तेल के दाम कम हो सकते है.
केंद्र सरकार ने तेल की इम्पोर्ट ड्यूटी पर कटोती कर दी है. सरकार ने सोया तेल और सूरजमुखी के तेल की आयत पर यह फैसला लिया है. पहले आयत की ड्यूटी 15% थी वह कम कर कर 7.5% कर दी है. इसका मतलब यह होता है की हमारे घरेलु बाजार में अब तेल थोडा सस्ता होगा. फिलहाल भारत सरकार 60 से 70 हजार करोड़ खर्च करके लग्ब्भाग 1.5 करोड़ तन खाद्य तेल आयत करती है. हमारा घरेलु उत्पादन 70 से 80 हजार तन है. और हमारी खाद्य तेल की खपत करीबन 2.5 करोड़ तन है.
हमारे देश ने पुछले साल 34 लाख तन सोया तेल ब्राजील और अर्जेंटीना से आयत किया था. 25 लाख तन सूरजमुखी का तेल हमने रशिया और युक्रेन से आयत किया था जबकि 72 लाख तन पाम लेट हमने मलेशिया और इंडोनेशिया से आयत किया था. हमारी खपत और उत्पादन की गैप के कारण हमारे देश में खाद्य तेल की कीमतों पर इसका सीधा असर होता है.
आगे आने वाले त्योहारों में तेल की खपत बढ़ने वाली है उसमे हमें थोड़ी राहत जरुर मिलेगी. आधी की गई इम्पोर्ट ड्यूटी की वजह से घरेलु दामो मेभी हम कमी देखेंगे. सर्कार द्वारा की गई यह कटौती 30 सितम्बर तक की राखी गई है. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए, सरकार को धन्यवाद कहा है.
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