जिसको भिखारी समझकर दुत्कार देते थे, अब जब उसकी असलियत सामने आयी तो सैल्यूट करने लगे हे लोग

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कभी हम लोगों के बारे में उनका पहनावा देखकर उनके बारे में अंदाजा लगा लेते हैं लेकिन असलियत कुछ और ही होती है।  हम लोगों के पुराने और मैले कपड़े देखकर यह सोचते हैं कि यह गरीब होगा लेकिन हमेशा ऐसा हो यह जरूरी नहीं होता है।  ऐसा ही एक वाकया हुआ हरियाणा के अंबाला कैंट में जहां पर भिखारी के रूप में बैठक में वाले एक शख्स की जब असलियत सामने आयी तो पता चला की वो एक करोड़पति के घर से हैं।

दरअसल कुछ महीनों से एक आदमी हरियाणा के अंबाला कैंट की पुरानी अनाज मंडी पास एक मंदिर में भीख मांग रहा था। एक दिन कुछ चोट लगने की वजह से धनंजय के पैर से खून बहने लगा था, तो गीता गोपाल संस्था के सदस्यों ने पट्टी कराने के लिए उसे वह बुलाया।जब उन्होंने पूछा कि वह कहां के रहने वाले हैं तब उन्हें याद नहीं आ रहा था। क्योंकि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।  लेकिन बड़ी मुश्किल से उन्हें समझाते हुए उन्हें एक नंबर याद आया। जब इस नंबर पर फोन किया तो पता चला कि वह आजमगढ़ से  उनके ताऊजी है।

उनसे जानकारी मिली की वो एक  करोड़पति है। यह दो बहनों का इकलौता भाई है ,और आजमगढ़ का रहने वाला है।  इसका असल नाम धनंजय ठाकुर बताया गया है। जबकि मंडी में लोग इसे जटाधारी के नाम से पुकारते थे। वहीं इनके पिता राधेश्याम जी कोलकाता की बड़ी कंपनी में एचआर के पद पर है। जब उनकी बेहेन उन्हें लेने हरियाणा पहुंची तब उन्होंने बताया की कैसे धनंजय तीन बहनों बहनों में इकलौते भाई हैं और इसी कारन बचपन से ही स्वभाव के जिद्दी थे।

फिर उन्हें कुछ नशे की लत लग गई और लगातार नशे के कारण उसकी मानसिक स्थिति भी लगातार कमजोर हो गई थी। एक दिन अचानक वह नशे की हालत और कमजोर मानसिक स्थिति के कारण वोह नहीं पहुंचा और इधर उधर भटकने लगा और इस शहर उस शहर भटकते हुए हरियाणा के अंबाला कैंट पहुंच गया। किस्मत की बात उसको अपने ताऊ का नंबर याद था और बहुत आसानी से उसका घर का पता चल गया और आज धनंजय  के साथ-साथ उसकी फैमिली भी उसको पाकर बहुत ही खुश है।

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