केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नतीजे बीते शुक्रवार को आ गए हैं. साल 2020-21 के नतीजे घोषित किए गए. इस साल 99.37 प्रतिशत बच्चों ने 12वीं कक्षा पास की है. हर साल की तरह इस बार भी लड़कियों ने बाजी मार ली है. जिसके चलते सोशल मीडिया पर बहुत सारे मींस और जोक्स की बारिश हुई है.
इस बार साल 2020-21 के रिजल्ट में उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के बघेरा गांव की अनुसूया ने 12वीं क्लास में 100% अंक प्राप्त करके प्रथम स्थान पर अपनी जगह बनाई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अनुसूया के घर की परिस्थिति बहुत अच्छी नहीं है. अनुसूया उनके घर की एकलौती सदस्य है. जिसने 12वीं तक की पढ़ाई की है. क्योंकि उनकी आर्थिक परिस्थिति इतनी भी नहीं है कि वह पढ़ने जा सके उसके माता पिता और बहन कभी स्कूल नहीं गए और उसका भाई कक्षा 8 तक ही पड़ा है.
अनुसूया बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थी. यह अंदाजा उसके माता-पिता को आ गया था. लेकिन उनकी आर्थिक परिस्थिति इतनी नहीं थी कि वह अनुसूया को आगे बढ़ा सके लेकिन करनी को कौन टाल सकता है. अनुसूया इतनी होनहार छात्रा की की पांचवी के बाद उसका चयन बुलंदशहर जिले के विद्याज्ञान स्कूल में हो गया. स्कूल में आर्थिक स्थिति से कमजोर परिवारों से आने वाले बच्चे पढ़ते हैं. वहीं से अनुसूया ने अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी.
अनुसूया ने इतनी पढ़ाई की थी की उसने 12वीं कक्षा में 100 में से 100 नंबर लाकर ही दिखा दिए. आगे उम्मीद है कि उसे अच्छी कॉलेज में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिलेगी. अनुसूया ने ह्यूमैनिटी स्ट्रीम में पढ़ाई की है. उसने अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, पेंटिंग और हिंदी में 100 में से 100 नंबर प्राप्त किए हैं और पॉलिटिकल साइंस में 99 नंबर प्राप्त किए हैं. अनुसूया का सपना आईएएस ऑफिसर बनने का है.
कोविड-19 के माहौल में सभी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई कराते हैं. ऐसे में अनुसूया के पास वस्तुओं की कमी थी. जिसके कारण उसे पढ़ने में बहुत तकलीफ हुई. उसने बताया था कि उसके एरिया में बिजली बहुत देर तक कटी रहती थी और इंटरनेट कनेक्शन भी ठीक नहीं चलता था. उसके पास लैपटॉप भी नहीं था. ऐसे में जब भी स्कूल से मटेरियल मिलता था तो जब कनेक्शन ठीक रहता तब वह डाउनलोड करती थी और बाद में उसे पढ़ती थी. ऐसे कठिन प्रयत्न करके आज अनुसूया प्रथम नंबर प्राप्त कर पाई है.
हमारे देश में बहुत सारी अनुसूया जैसी बच्चियां है. लेकिन वस्तुओं और सुविधाओं के अभाव के कारण वह अपना टैलेंट बाहर नहीं ला सकते. उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में सभी बच्चों के लिए सुविधाएं प्राप्त हो.