Air India का निजीकरण! Tata के बोली जीतने की रिपोर्ट लेकिन सरकार ने किया खंडन

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पिछले कुछ समय से एयर इंडिया को बेचने की बात चल रही थी इसके कम्पनियो ने बोली भी लगाई थी। निजी कम्पनियो में एयर इंडिया को खरीद ने का सबसे मजबूत दावेदार टाटा सन्स को माना जा रहा था और हुआ भी ऐसा ही मिली खबरों के मुताबिक आज के दिन टाटा सन्स ने एयर इंडिया को खरीद ने के लिए जो बोली लगाई थी उसमे एयर इंडिया के मैनेजमेंट ने टाटा सन्स को एयर इंडिया टेक ओवर करने के लिए लगभग अनुमति दे दी है । सरकार जल्द ही इस बात की घोषणा कर सकती है।

आपको जानके हैरानी होगी के एयर इंडिया की शरुआत ही टाटा ग्रुप ने की थी। टाटा ग्रुप के जे आर डी टाटा खुद के पायलट थे तो उन्होंने टाटा एयर सर्विस नाम की एक कम्पनी की शुरुआत 1932 में की थी। साल 1938 तक कंपनी ने अपनी घरेलू उड़ानें शुरू कर दी थीं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे सरकारी कंपनी बना दिया गया। आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदी।

यह सवाल सभी के मन में उठता है के आखिर ऐसी भी क्या हो गया के एक सरकारी कम्पनी को बेचने की नौबत आ गई। दरसल साल 2007 में इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया दोनों का मर्जर किया गया था। मर्जर के पहले एयर इंडिया अच्छा खासा मुनाफा कमा रही थी ,लेकिन मर्जर के बाद कम्पनी की मुश्केलिया और बढ़ने लगी और हर साल कम्पनी पर कर्ज का बोज बढ़ता रहा ,इसका पीछे कारण बताये गए के प्राइवेट कम्पनियो से मिल रही कॉम्पिटिशन और फ्यूल की कीमतों में इजाफा। एक खबर के मुताबिक कम्पनी पर साल 2019 में करीब 60 हजार करोड़ जितना कर्ज था।

एयर इंडिया को साल 2018 से बेचने की कोशिश में थी सरकार लेकिन अब जाके 2021 कम्पनी को कोई अच्छा खरीदार मिला है। दरसल साल 2018 में सरकार ने एयर इंडिया का 76 फीसदी हिस्सा बेचने के लिए आवेदन मांगे थे लेकिन कोई भी प्राइवेट कम्पनी सामने नहीं आयी। इसके बाद सरकार ने 100 फीसदी हिस्सा बेचने का फैसला किया और आवेदन मांगे आवेदन की आखिरी तारीख 15 सितमबर 2021 निर्धारित की गई थी ,इस बार कम्पनी को 17 कम्पनियो से आवेदन भी मिले और एयर इंडिया के मैनेजमेंट में इसे टाटा सन्स को बेचने पर विचार जारी है।

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