भारत में हर पशु पंखी एवं वृक्ष पौधों का अपना ही अलग धार्मिक महत्व हैं। हर एक पशु पंखी को किसी देवता के साथ जोड़के देखा जाता हैं और उसका संरक्षण किया जाता हैं। वैसे तो शिवजी के साथ नंदी , कछुआ और सांप को जोड़ के देखा जाता हैं लेकिन हम आपको बतादे की एक और पक्षी भी हैं जिसको सिव और राम भगवन के साथ जोड़कर देखा जाता हैं। वो पक्षी हैं नीलकंठ।
नीलकंठ जोकि विश्वस्तर पर इंडियन रोलर बर्ड के नाम से भी जाना जाता है। ये भारत के अल्वा एशिया के कई हिस्सों में देखने को मिलता हैं। ये पक्षी दिखने में बेहद खूबसूरत होता हैं और उत्तर भारत में तो इसका विशेष महत्व पाया जाता हैं। समुन्द्र मंथन में निकला विष पिने के कारण भगवन शिव का गला नीला पड़ गया था। जिसके कारन उनको नीलकंठ के नाम से जाने जाना लगा। वैसे ही ये इंडियन रोलर बर्ड अपने शरीर पर नीला रंग होने की वजह से नीलकंठ के नाम से जाना जाता हैं।
नीलकंठ का नाम भगवन राम से भी जोड़ा जाता हैं क्युकी भगवन राम ने नीलकंठ पक्षी को देखने के बाद ही रावण का वध किआ था जिसकी वजह से निकंठ का देखा जाना बेहद शुभ मन जाता हैं। कहते हैं की अगर दशेरा के दिन नीलकंठ पक्षी दिख जाये तो व्यक्ति को खूब धन लाभ होता हैं। उत्तर भारत में नीलकंठ का विशेष महत्व हैं। इसीलिए भगवन राम और शिव से जुडी ये उक्ति उत्तर भारत में खूब प्रचलित हैं, ‘नीलकंठ तुम नीले रहियो, दूध-भात का भोजन करियो, हमरी बात राम से कहियो’
नीलकंठ को किसानो का रखवाला भी कहा जाता है क्युकी वह खेतो से कीटो को खा लेता है और फसलों की रक्षा करता हैं लेकिन नीलकंठ पक्षी अभी लुप्तप्राय हो गया है। इंडियन वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत यह पक्षी शिडुअल -IV में आता हैं जिसको पकड़ने या अपने पास रखने से 25000 तक का जुरमाना और जेल भी हो सकती हैं।