खबर आ रही हे इटावा से जहां रूह कांप जाये ऐसा हादसा हुआ हे। 1, 2 नहीं बल्कि मालगाड़ी के 12 डिब्बे पलट गए। यह हादसा dfc ट्रेक पर राजपुर गाव के पास हुआ हे।यह हादसा सोमवार शाम को हुआ जब ट्रेन इटावा से क़रीब 25 km की दूरी पर थी तभी मालगाड़ी के दिब्बे एक के बाद एक पलट ना शरु हो गए। मालगाड़ी का एक हिस्सा जहां राजपुर गाँव के उस तरफ़ था तो एक इस तरफ़। हादसे के बाद सुनने में आ रहा हे की वह रुट कुच समय के लिए अन्य ट्रेन के लिए बंध कर दिया गया।
यह हादसे की सही वजह का अब तक पता नहीं चल पाया हे। मगर मौक़े पे रहे लोगों की माने तो ट्रेन लोहे की गडरे ले जा रहा था। उसी मे से एक गडार पटरी में फँसी हो सकती हे जिसने ट्रेन के दिब्बे गिरा दिए। ट्रेन मे 24 डिब्बे थे जिसमें से 17 क्षतिग्रस्थ बताए जा रहे हे। ट्रेन के डिब्बे भरद्वाजपुर गाँव के नज़दीक गिरना शरु हुए। ट्रेन का एक हिस्सा तो राजपुर गाव तक पाउच गया था। मालगाड़ी के नुक़सान के साथ साथ पटरी के आसपास के खंभे भी टूट गए थे।
ग़नीमत ये रही की इतने बडे हादसे के बाद भी किसी को गम्भीर चोट नहीं आयी। वहा रहे अधिकारियों ने बताया की गटना कैसे हुई यह जाँच का विषय हे अभी घटना के बारे मे सटीक महिति नहीं हे। गटना स्थल पर पुलिस बंधोबस्थ लगा के आसपास का विस्तार सुरक्षित कर लिया।
मालगाडी के ट्रेक के पास ही था देल्ही हावड़ा ट्रेक़, गनिमत ये रही की ट्रेन के डीब्बे उस ट्रेक पे जा के नही गिरे वरना बडा हदसा हो सकता था। अगर हावड़ा एक्षप्रेस्स क्षतिग्रस्थ होता तो उस रुट की सभी ट्रेन रद करनी पड़ती मगर अच्छा रहा जो हावड़ा ट्रेक इस हादसे मे बच गया। ट्रेन हादसे के बाद उस ट्रेक पर आ रही 6 से 8 मालगाड़ी को रोक दिया गया। ऐसे हादसों से उभर ने के किए या टालने के लिए तकनीकी तौर पर हमें और ज़्यादा सजाक और गंभीर होना पड़ेगा जिससे ऐसे हादसे रोके जा सके।