जैसा की हम सभी जानते हैं की जब शिवजी तपस्या कर लौटे और माँ पार्वती की रक्षा कर रहे गणेशजी ने जब शिवजी को गुफा मैं जाने से मना कर दिया और नहीं जाने देने पर तुले रहे तब भगवान शिव को बोहोत गुस्सा आया और उन्होंने उनका सर धड़ से अलग कर लिया। पर गुस्सा शांत होते ही उन्होंने माँ पार्वती को वादा किया की वो गणेशजी को नया सर देंगे। और वहां सबसे पहला प्राणी एक हाथी आया जिसका सर बैठा दिया गया। लेकिन क्या आप यह जानते हैं की जो सर गणेशजी का कट गया था वो कहाँ गया ???
आपको यह जानकर हेरानी होगी की भगवान गणेशजी का पहला कटा हुआ सर आज भी एक गुफा में स्थित हैं। इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता हैं। इस गुफा में स्थित गणेशजी को आदि गणेश भी कहते हैं। इस गुफा की खोज आदि शंकराचार्य ने की थी। यह गुफा उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ के गंगोली हाट से 14 किलोमीटर दूर स्थित हैं। कहते हैं की इस गुफा में पड़े सर की रक्षा स्वयं भगवान शंकर करते हैं। इस मंदिर के कुछ रोचक तथ्य भी जुड़े हैं। चलिए बताते हैं उनके बारे में।
♦ इस गुफामें 4 पथ्थर पाए जाते हैं जो की चारो युगो का प्रतिक हैं और कहते हैं की जो पत्थर कलियुग का प्रतिनिधित्व करता हैं वो लगातार थोड़ा थोडा करके बढ़ रहा हैं। और जब वो गुफा की छत को छू लेगा तब कलियुग का अंत होगा।
♦ इस गुफा में जो गणेश जी का सर आ गिरा था उसके ऊपर भ्रह्म कमल बना हुआ हैं जिससे की पानी टपकता रहता हैं। मान्यता हैं की उसकी स्थापना स्वयं शिवजी ने की थी।
♦ गुफा में एक अमरनाथ की भी गुफा हैं जहाँ शिवजी की जटाये पत्थर पर फैली दिखती हैं। वही कल भैरव की जिह्वा भी हैं। मान्यता हैं की कालभैरव की जिह्वा नुमा गुफा से जो भी व्यक्ति उसके गर्भ से होकर उसकी पूँछ तक पहुँच जाता हैं वो मोक्ष को प्राप्त होता हैं।
♦ इस गुफा में बद्रीनाथ, केदारनाथ एवं अमरनाथ की प्रतिमाए स्थापित हैं। यह एकमात्र ऐसा स्थल हैं जहाँ की यह तीनो ही शिवजी के स्वरुप देखने को मिलते हैं।