हमारे देश में जभ भी कोई मिडल क्लास फेमिली कार लेने का सोचती है उनकी पहली पसंद मारुती कम्पनी की गाड़िया ही होती है। क्योकि मारुती कम्पनी की गाड़िया मिडल क्लास के लोगो के बजट में होती है। यह सिलसिला आज का नहीं सालो पुराना है। जब साल 1983 में मारुती कम्पनी में अपनी मारुती 800 भारत के बाजार में लॉन्च की थी तब से ही मिडल क्लास परिवार को उम्मीद जगी के वह भी एक कर खरीद सकते है।
जब मारुती कम्पनी में साल 1983 अपनी मारुती 800 कार लॉन्च की थी तो सभी के मन में उम्मीद जगी के वह भी कार खरीद सकते है। जब मारुती कपनी ने मारुती 800 लॉन्च की तो उस समय कार की कीमत 52000 थी। तब से लोगो के मन में उम्मीद जगी तो करीब करीब 2 महीने में मारुती 800 कार की 1.35 से भी ज्यादा की बुकिंग हो चुकी थी। लेकिन क्या आपको मालूम है के इन 1.35 लाख लोगो में से किसको मारुती की यह कार मिली थी और उसे प्रधान मंत्री के हाथ से कार मिली थी।
क्या आपको पता है के किस व्यक्ति को मारुती 800 कार मिली थी और वो भी प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी के हाथ से मिली थी। आपको बतादे के सबसे पहले मारुती 800 के मालिक बनने वाले इंसान का नाम हरपाल सिंघ था। हरपाल सिघ एयर इंडिया में नौकरी करते थे। हरपाल सिंघ ने मारुती 800 कार को खरीद ने के लिए फियट कार भी बेच दी थी। हरपाल ने सब इंदिरा गांधी के पास से जब मारुती 800 कार की चाबी लेता फोटा उस समय पुरे देश में बहुत मशहूर हुआ था।
हरपाल सिंघ जब तक जिन्दा रहे तब तक वह मारुती 800 चलाते थे। साल 2010 में उनकी मौत होने के बाद उनके घर में ही यह कार ऐसे ही पड़ी हुई देखने को मिलती थी। जब मारुती कम्पनी को यह पता चला के यह कार ऐसी हालत में है तो मारुती के शो रूम ले जाकर इसे रिपेर करवा के उनके परिवार जनो को दे दिया। उसके बाद बहुत से लोगो ने मारुती 800 की यह पहली कार खरीद ने की इच्छा जताई लेकिन उनके परिवार ने इससे साफ़ माना कर दिया।