तुलसी के पौधे को लेकर भूल से कभी न करें ये गलतियां, वरना मां लक्ष्‍मी की नाराजगी कराएगी धन हानि!

Devotional

तुलसी एक ऐसा पौधा हैं जिसका न केवल औषधीय उपयोग होता हैं बल्कि उसका धार्मिक महत्व भी काफी ऊँचा हैं। हिन्दू शाश्त्रो में उन्हें विष्णुप्रिया का दरज्जा दिया गया हैं। उन्हें माँ लक्समी के सामानांतर सन्मान दिया गया हैं। जिन घरो में तुलसी की पूजा की जाति हैं वहां हमेशा सुख समृद्धि बानी रहती हैं। जिन भी घरो में तुलसी का पौधा रखा  घरो में एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती हैं।

तुलसी का पौधा वास्तुके भी कई सरे दोषो का निवारण करता हैं पर कभी कभी उनको गलत दिशा में रखने से दोष बढ़ भी जाते हैं।  चलिए जानते हैं कुछ इन सभी दोष और उनके निवारण के बारे में।

  • शास्त्रों के अनुसार तुलसी हर रविवार और एकादशी के दिन भगवान विष्‍णु के लिए व्रत करती हैं। ऐसे में रविवार, एकादशी के दिन कभी तुलसी को जल न चढ़ाएं। इसके अलावा सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय भी तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ना ही इन दिनों में तुलसी के पत्‍ते तोड़ें।
  • तुलसी के पौधे से ज्‍यादा से ज्‍यादा लाभ पाने के लिए इसे उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। कभी भी घर के दक्षिणी भाग में तुलसी का पौधा न लगाएं। इससे घर में अशांति पैदा होती है।
  • तुलसी के पत्‍तों को कभी भी नाखून से न तोड़ें, बल्कि उंगलियों के पोर की मदद से बहुत आराम से तोड़ें। तुलसी के पत्‍ते हमेशा इस तरह तोड़ना चाहिए, कि पौधे को नुकसान न हो।
  • तुलसी का पौधा बहुत पवित्र माना गया है, इसके आसपास गंदगी का होना जीवन में कई मुसीबतें ला सकता है।
  • तुलसी के पौधे को कभी भी बिना नहाए न छुएं। वही जूते-चप्‍पल पहनकर तुलसी के पौधे को न छुएं। इससे मां लक्ष्‍मी नाराज होती हैं।

 

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