दुनिया मे अजीबो गरीब किस्से देखने को मिलते हे, यह किस्सा भी कुछ ऐसा ही हे. आपको बता दे की दादा-दादी बन चुके रामलाल मुंडा और सहोदरी देवी पति-पत्नी के रूप में एक-दूसरे का हाथ थाम रहे थे तो दूसरी और उसी जगह उनका बेटा जीतेश्वर मुंडा, अरुणा मुंडा के साथ. इतना ही नही सहोदरी देवी और रामलाल को पांच वर्षीय पोती रोमिका भी हे. जो इस शादी मे किलकारियां करती तो मस्ती करती नजर पड रही थी।
आपको बता दे की यह विशेष शादी सामूहिक शादी संस्थान मे हुई थी. यह संस्था का नाम निमित्त संस्था हे. यह शादी दीनदयाल नगर आईएएस क्लब में आयोजित हुई थी. इन्ही शादी के साथ वहा 128 जोडो की शादी कराई गई। आपको बता दे की यह सब लाइव इन रिलेशनशिप या कहे तो बिना शादी के साथ मे रहते थे. जिन्हे अब शादी के बंधन से बांध दिया गया हे.
आपको बता दे की यह परिवार घाघरा हजारखंड के रहने वाला हे. यह समाज जंगल विस्तार से तलूक रखता हे और अपने आपसी तालमेल से साथ में रहते थे. 45 वर्षीय रामलाल मुंडा और सहोदरी देवी 22 वर्षों से बिना शादी के सातह रहते थे। इन्होने प्रेम विवाह किआ था जिसे लोहरा समाज की सहोदरी को मुंडा समाज के रामलाल से शादी करने से रोका गया था। जब इन्होने साथ मे रहने का फैसला किआ तो समाज से बहार कर दिए गए या बहिष्कृत कर दिया गया।
मगर दोनो पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे एक दूसरे के दुःख दर्द बाट ने लगे. उनके बचे भी हुए जो आज खुद बच्चो के माँ बाप हे. आपको बता दे की उनके बेटे जीतेश्वर मुंडा भी दो वर्षों से अरुणा मुंडा के साथ लिव इन रिलेशन मे हे इतना ही नही इनकी एक बेटी भी है जिसका नाम रोमिका रखा हे।
रामलाल ने कहा की सहोदरी को विवाह के जोडे मे देखना उनका सपना था, जो आज 22 वर्षों के बाद पूरा हो रहा हे। वही उनके पुत्र जीतेश्वर मुडा ने बताया की उनके पिता ने उन्हें अपनी मर्जी से शादी करने के लिए कहा कभी विरोध नहीं किया। लेकिन समाज के लोग हमे टोकते थे। उन्होंने भी शादी नही की थी ऐसे मे बच्ची खुशिया भी आई साथ मे उसके भविष्य को लेकर चिंता भी बढी. उसके बाद जब उन्हे सामूहिक विवाह आयोजन की जानकारी मिली, तो उन्होने इसके लिए आवेदन किया और पिता माता की शादी के साथ बेटे और बहु की भी शादी हुई. साथ ही जोडो को घर-गृहस्थी का सामान भी दिया गया.