जैसा की नोट्स या सिक्को पर कही चिन्ह बने हुए होते हे. हर चिन्ह का कोई विशेष मतलब होता हे. जैसे की नोट्स पे गांधीजी की प्रतिमा। तो सिक्को पे सारनाथ के चार सिंह। तो १ रुपये के सिक्के पे मक्के का चिन्ह जो की खेती में मिली समृद्धि को दर्शाता था. इसके साथ साथ सिक्को पे कही महान हस्तियो के चिन्ह बने हुए होते हे. ऐसे ही 1 रुपये और २ रुपये के कॉइन पे विशेष चिन्ह लाये गए हे. 1 रुपये के सिक्के पर अंगूठे का निशान तो 2 रुपये के सिक्के पर 2 उंगलियो के निशान।
शायद आप नही जानते है की सिक्के पर बने अंगूठे के निशान यही नही दिए गए हे इसके पीछे विशेष मतलब है. वैसे ही दो रुपये के सिक्के में हाथ के निशान बने होते हैं. ये निशान देने के लिए ही नही दे दिए हे, बल्कि इसका एक खास मतलब ह जानते हे इसकी कहानी, जिससे आप समज पाओगे की यह निशान ही क्यों दिए गए हे.
1 रुपये के सिक्के पर बना निशान या सिंबल भारतनाट्यम डांस से लिए गए हैं. आपको बता दे की भारत का अति प्राचीन नाट्यकला भरतनाट्यम की एक मुद्रा हे जिसमे से यह प्रतिक लिया गया हे. यह डिजाईन अनिल सिन्हा ने बनाई हे, वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के प्रोफेसर हे. आपको बता दे की यह सिक्का सबसे पहले 2007 मे लाया गया था. इसमे 83 प्रतिशत लोहा और 17 फीसदी क्रोमियम होता हे.
मुद्राओ पर बने अलग अलग चिन्ह प्राचीन काल से ही सांकेत देने के लिए, या समाज को कोई सन्देश देने के लिए उपयोग मे लिया जाता हे. फिर वो 5 की नोट पर बना किसान का ट्रेक्टर हो या फिर ५ के सिक्के पर बना माता वैष्णव देवी का प्रतिक हो. या फिर ५०, १००, २०० की नोट पर बने रणकी वाव, एलोरा की गुफा या सूर्य मंदिर हो यह हमारा हेरिटेज या विरासत दर्शाने मे मदद करता हे.