देश की पहली शहीद महिला नेवी सैनिक, पति से मिलने जाने वाली थी छुट्टी पर मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

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देश की पहली शहीद महिला नेवी सैनिक जो देश की सेवा को अपना धर्म मानती थी, पिछले 1 साल से वह अपने पति से नही मिली थी ।पति को मिलने के लिए 10 दिन की छुट्टी ली मगर किस्मत को कुच और ही पसन्द था और उससे पहले ही वह शहीद हो गई।

आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा मिलाकर काम कर रही है। वह चाहे पॉलिटिक्स हो या भारतीय सैन्य। भारत की बेटियों के ऐसे हजारों उदाहरण है जिसमें से आज की यह कहानी है। जब देश की बेटी किरण शेखावत देश की सेवा करते करते शहीद हो गई है और शहीद होने वाली देश की प्रथम महिला ऑफिसर है।

महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं। आगे ही नहीं बल्कि जो भी क्षेत्र में है उसको बढ़ाने में उनका बहुत बड़ा योगदान भी है। और किरण शेखावत जी भारत की प्रथम शहीद महिला नेवी ऑफिसर रही है। चलो किरण शेखावत जी की जिंदगी पर एक नजर डालते हैं। किरन के पीता भी नेवी मे लेफटन थे, उनके आसपास के लोग कहते थे, अगर आपको लडका होता तो वो भी भारत माता की सेवा करने जाता बस बचपन मे सुनी यही बातो को गलत साबित करने और महिलाओ का मान बढाने के लिए उनहोने नेवी जोईन किया।

किरण ने अपनी देश सेवा के टाइम में बहुत सारे प्रसिद्धि वाले काम किए थे। उनका पोस्टिंग गोवा में था जब वह सेवा करते हुए शहीद हो गए। उनकी उम्र 22 साल की थी जब वह नौका दल में भर्ती हुए थे और भारत के प्रथम शहीद महिला सैनिक बने।किरण के शहीद होने के समाचार सुनकर सबकी आंखें गीली हो गई और सबने उसको आखरी श्रद्धांजलि दी। विवेक जी और किरण जी उनकी फरज के चलते 1 साल से मिल नहीं पाए थे। 10 दिन बाद उनकी पोस्टिंग एक जगह पर ही होने वाली थी। परंतु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। और मिलने से पहले ही उन्होंने अपने जीवन से अलविदा बोल दिया था। सलाम है ऐसी बेटी को जो इतनी छोटी उम्र में देश की सेवा करते करते खुद के जीवन का त्याग कर दिया। जय हिंद ।।

 

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