बिहार में कुछ दिन पहले एक अजीब मामला सामने आया था जिसमे दो बच्चो के खाते में करोब 960 करोड़ रुपये आये थे| लेकिन उच्च तपास के बाद यह मालुम चला था की पासबुक भरवाने में मिस्टेक हुई थी| ऐसा ही एक वाकिया फिरसे सामने आया है| लेकिन इस बार पैसे उस व्यक्ति के खाते में मौजूद है| दिहाड़ी करने वाला मजदुर रातो रात करोडपति बन गया है|
यह मामला यूनियन बेंक ऑफ़ इण्डिया और विपिन चौहान नाम के शख्स से जुड़ा हुआ है| विपिन रोज कामके रोज खाते है| अगले दिन फिरसे पेट भरने के लिए काम पर निकल जाते है| लेकिन अचानक से कुछ ऐसा हुआ की उनके खाते में 10 करोड़ रुपये मिले| बिहार के किसनपुर में रहने वाले विपिन चौहान मनरेगा जॉब कार्ड का खाता खुलवाने बेंक गए हुए थे| तब उन्होंने बेंक अधिकारी को अपना आधार नंबर दिया और बेंक अधिकारी ने उसे अपनी सिस्टम में डाला तब उनका एकाउंट पहले से खुला हुआ दिखाई पड़ा था|
जब विपिन के खाते की जानकारी जुताई गई तब सब की आँखे चौड़ी हो गई थी| विपिन चौहान के खाते में 9 करोड़ 99 लाख रुपये का बेलेंस था| बेंक द्वारा विपिन की कोई मदद नहीं करी गई| बाद में मिडिया की मदद से उस एकाउंट की साड़ी जानकारी निकाली गई| तब जाकर उसके बारे में पता चला| बेंक एकाउंट में मौजूद कागजो में विपिन का फोटो और दस्तखत नहीं थे|
अधिकारिओ ने उसका खाता खुलवाने समय का फॉर्म भी निकलना चाहा लेकिन वह मौजूद नहीं था| विपिन का खाता 13 अक्तूबर 2016 को खोला गया था और 11 फरवरी 2017 तक उसमे करोडो के ट्रांजेक्शन करे गए थे| इस वाकिये पर रांची के मुख्य प्रबंधक स्नातोश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया था की इस एकाउंट को साइबर डिपार्टमेंट को भेजा गया है और इस एकाउंट को फ्रिज कर दिया गया है| अब इस मामले की आगे की जाँच चल रही है| आगे क्या होगा वह हम आपको बताते रहेंगे|