हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। हमारे देश के ज्यादातर लोग कृषि से जुड़े हुए है और कृषि क्षेत्र सबसे अधिक रोजगारी देने वाला क्षेत्र भी है। कृषि क्षेत्र की बात करे तो कम महेनत और कम समय में अच्छा उत्पादन लेने के लिये कृषि से जुड़े यंत्र काफी मदद करते है। इससे किसान की महेनत कम हो जाती है। तो आज हम आपको बताने जा रहे है ऐसी कुछ कृषि यंत्र जिस पर इस राज्य की सरकार सबसिडी प्रदान कर रही है।
आपको बतादे के मध्यप्रदेश सरकार की ओर से राज्य के सभी जिलों के लिए किसान के मांग के अनुसार अलग अलग तरह की सब्सिडी दी जा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार इन सात कृषि यंत्रों पर मिलेगा किसानो को सब्सिडी का लाभ। मध्यप्रदेश में अलग-अलग वर्ग के किसानों के लिए विभीन्न योजनाओं के तहत 40 से 50 प्रतिशत तक सबसिडी दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इच्छुक किसान योजना से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
जिस कृषि यंत्रो पे सब्सिडी मिलने वाली है वह इस प्रकार है।
बैकहो ट्रैक्टर चलित
इसे बैकेहो लोडर कहा जाता है। यह दोनों तरह से काम करती है इसमें एक साइड के लिए स्टेयरिंग लगी होती है, जबकि दूसरी तरफ क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं। इस मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है, जो बड़ा वाला हिस्सा होता है।प्रदेश सरकार की ओर से 35 एचपी ट्रैक्टर के लिए बैक हो पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
बेलर
यह बेलर मशीन खेतों की पराली को खुद से काटकर उसके रोल बना देती है और एक दिन में करीब 60 से 70 एकड़ रकबे की पराली का निपटारा कर सकती है। बेलर मशीन किसानों की इस परेशानी से छुटकारा दिला सकती है।
पावर हैरो
इस मशीन की सहायता से किसान फसल की कटाई के बाद और अगले पाक की बुवाई से पहले खेत में खरपतवार के छोटे-छोटे टुकड़ों को मिट्टी में दबा सकते हैं। इस तरह खेत समतल हो जाता है जिससे पाक का उत्पादन भी अच्छी तरह से होता है, साथ ही फसल का भी काफी तेजी से विकास होता है।
हे रेक
यह खेती क्षेत्र पर अच्छा काम करता है हाय रेक खेती को उपजाऊ बनाता है। अधिकांशत: हे रेक की इम्प्लीमेंट पावर 25-35 एचपी होती है। जिससे ईंधन कुशल कार्य प्रदान करता है।
न्यूमेटिक प्लांटर
ट्रैक्टर आधारित प्लान्टर है जिसमें ट्रैक्टर की पी. टी. ओं. चलित सेंट्रीफ्युगल ब्लोअर लगा होती है जिसके द्वारा आवश्यक हवा का प्रेशर बना कर मीटरिंग पद्धति से बीजों को उठाकर गिराया जाता है। इससे पूर्व- निर्धारित पॅक्ति की दूरी पर एक-एक बीज की बुवाई की जा सकती है।
हैप्पी सीडरसुपर सीडर
धान की कटाई के बाद हैप्पी से गेहूं की बिजाई कर सकते हैं। हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई करने पर दो से तीन क्विंटल तक प्रति एकड़ पैदावार को बढ़ाया जा सकता है और इसमें खर्चा भी कम आता है।
बायो अकास्टिक यंत्र
बायो अकॉस्टिक यंत्र जिसे पशु निवारक यंत्र भी कहा जाता है। यह यंत्र जानवरों और पक्षियों को उन्हीं की भाषा में डराता है। इस यंत्र में विभिन्न पक्षियों और जानवरों की आवाजें रिकार्ड की हुई होती है जिससे जानवर और पक्षी डर कर खेत से भाग जाते हैं।
इन कृषि यंत्रों पर कितनी मिलेगी सब्सिडी
अगर आप ऊपर दिए गये कृषि यंत्रों के लिए आवेदन करना चाहते है तो आप अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क करके अपने आवेदन पर कार्यवाही करा सकते है। कृषि कार्यालय से आप योजना से जुडी सारी जानकारी ले सकते हो। उपरोक्त बताए गए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए किसानों को ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते है। आवेदन के लिए किसानों के पास कुछ जरुरी दस्तावेज होना जरूरी है।
आधार कार्ड
जाति प्रमाण पत्र
भूमि के लिए बी-1,
ट्रेक्टर से जुड़े यंत्रो के लिए ट्रेक्टर की आरसी बुक
मोबाइल नंबर
बैंक अकाउंट पासबुक की प्रथम पेज की कॉपी
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते है तो आप अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क करके इस योजना से जुडी सारी जरुरी माहिती वहा से ले सकते है।