क्या आपको मालुम है की शिवजी ने भगवन विष्णुजी के पुत्रो का अंत करा था? आपको मालुम नहीं होगा| भगवन शिव जी ने तीनो लोको मेंसे दानवो के आतंक को ख़तम करने के लिए भगवन शिवजी के पुत्रो का वध करा था| पुत्रो का वध होने से भगवन विष्णु बहोत क्रोधित हुए थे और भगवन शिव और विष्णु जी के बिचमे युध्ध भी हुआ था| आपको उरी कहानी बताते है|
इस वाकिये का जिक्र शिव पुराण में करा गया है| एक बार भगवन विष्णु पातळ लोक पहुचे थे, वहा पर उन्होंने देखा की दानवो ने कुछ अप्सराओ को कैद कर लिया था| सारी अप्सराये विष्णु जी की भक्त थी और विष्णुजी की पूजा कर रोज करती थी| जिसके कारण भगवन विष्णु ने सारी अप्सराओ को वहासे उनको छुटकारा दिलाया था| उसके बाद अप्सराओ ने भगवन विष्णु से शादी करनेकी इच्छा जताई थी|
भगवन विष्णु कुछ दिन पातल लोक रहे थे, उसके बाद वापस विष्णु लोक गए थे| कुछ दिन बाद अप्सराओ ने पुत्रो को जन्म दिया था| सभी में दानवीय गुण थे| सभी ने बड़े हो कर तीनो लोक में आतंक मचा दिया था| सभी देव और मानव इनसे परेशान हो गए थे| उसके बाद सभी देवता भगवन शिव जी के पास पहुचे थे और इनसे छुटकारा दिलाने की विनती करी थी|
उसके बाद भगवन शिवजी ने बैल का अवतार धारण करा था और वह पातळ लोक पहुचे थे| वहा पर पहुच कर उन्होंने सभी विष्णु पुत्रो का विनाश करा था| विनाश करने की खबर जैसे ही विष्णु जी को पता चली थी, वैसे ही उनको गुस्सा आया था और उन्होंने भगवान शिव जी के साथ युध्ध की घोषणा करी थी| कई दिनों तक युध्ध चला था| लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था| बादमे अप्सराओ ने इस युध्ध के बिचमे आके युध्ध की समाप्ति कराई थी|