हम जब अपनि उत्तर पुस्तिका में जवाब लिखते है तब उसमे जो प्रश्न पूछा गया है उसका जवाब हो लिखते है. लेकीन कुछ विध्यार्थी ऐसे भी होते है जो जवाब के बदले गाने और फ़िल्मी बाते भी लिखते है. कुछ तो ऐसे ऐसे बच्चे है जो उत्तर पुस्तिका में अपनी दुखभरी बाते लिखकर चेक करनेवाले शिक्षक को परेशानी में डाल देते है की हम उन्हें पास करे या फ़ैल? लेकिन शिक्षक हमेशा जो लिखा हुआ होता है उसीके मार्क्स देते है.
हाल ही में उत्तरप्रदेश बोर्ड के एक्जाम ख़त्म हुए है. कुछ दिनों पहले इन उत्तर पुस्तिकाओ को चेक करना शुरू कर दिया गया है. ऐसे में कुछ ऐसे मामले सामने आये है जिसमे जो जवाब लिखा है उन्हें पढ़कर सभी की हंसी छुट जाती है. किसीने लिखा “सर मेरी शादी दो महीने पहले ही हुई है, ससुराल जाने के बाद पढ़ाई नहीं हो पाई क्योंकि काफी काम करना पड़ता है। निवेदन है कि भले अच्छे अंक न दें, लेकिन फेल न करें, पास हो गई, तो ससुराल में इज्जत बच जाएगी।“
या भावुक अपील देख कर चेक करने वाले शिक्षक काफी हसने लगे और उन्होंने यह जवाब बाकी शिक्षको भी दिखाया. इसके अलावा विध्यार्थी अपने उत्तर पुस्तिका में 500, 100, 50, 20 रुपये की नोट भी रखते है और अपील करते है की उन्हें पास कर दिया जाए. ऐसे ऐसे जवाब मिलते रहते है और इन जवाबो से शिक्षको का मनोरंजन होता रहता है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बतादे की शिक्षक ऐसे विद्यार्थियो को उतनेही मार्क्स देते है जिनका उन्होंने सही जवाब लिखा होता है.
एक विधार्थी में लिखा, “मैं गरीब हूं। घर खर्च चलाने को घर-घर जाकर काम करती हूं, पढ़ने का समय नहीं मिलता। आप पास कर देंगे, तो कृपा होगी.” ऐसे जवाबो से शिक्षको का मनोरंजन होता है लेकिन वह विधार्थी के लिखनेके हिसाब सेही मार्क्स देते है. विधार्थियो को हमेशा यह सलाह दी जायेगी की परीक्षा की तयारी अच्छे से करे ताकि आपको भी ऐसे हथकंडो का इस्तेमाल ना करना पड़े.