Steel Road: गुजरात में बनी देश की पहली स्टील सड़क, जानें 6 लेन वाली इस रोड की खास बात

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गुजरात एक ऐसा राज्य है जो देश में सभी क्षेत्रों में से ज्यादतर क्षेत्रों में पहले नंबर रहता है। चाहे वो बिजनेस है ,इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर टूरिज़म और एजुकेशन। गुजरात मोडल के नाम पे ही 2014 में देश में भाजपा की सरकार बनी थी। बतादे के गुजरात मोडल सच में दूसरे राज्यों के लिए मोडल है यह फिर से गुजरात ने साबित कर दिया है बतादे के गुजरात ने एक सिध्दि हासिल की है जिसे आज तक किसी और राज्य ने नहीं की है।

बतादे के गुजरात में एक 6 लेन लम्बी सड़क बनी है। जिसकी हर कोई चर्चा कर रहा है। अब आपको हैरानी होगी यह सिर्फ सड़क ही तो है इसमें कोनसी बड़ी बात है। तो बतादे के आपको यह सड़क आम सड़क से कई प्रकार से अलग है। यह सड़क स्टील से बनाई गई है इसीलिए आज कल देश में इस सड़क ने काफी सारी सुर्खिया बटोरी है। अब आपको बताते है स्टील से सड़क कैसे बनती है।

हर साल अलग अलग स्टील प्लांट से कई मिलियन टन कचरा ( Million tonnes of steel waste ) निकलता है। अब तो आलम यह हो गया है कि स्टील के कचरे के पहाड़ जैसा ढेर लग गया है। लेकिन अब इस स्टील के कचरे का इस्तेमाल भी केंद्र सरकार देश के विकास कार्यों में प्रयोग कर रही है। लंबी रिसर्च के बाद गुजरात (Gujarat) में देश की पहली स्टील सड़क (Steel Road in Gujarat) का निर्माण किया गया है। स्टील के कचरे से बनी सड़क 6 लेन की है।

जानकारी के अनुसार अभी इंजीनियर्स और रिसर्च टीम ने ट्रायल के लिए सिर्फ एक किलोमीटर लंबी 6 लेन की ऐसी सड़क बनाई है लेकिन बताया जा रहा है कि अब देश के अलग अलग राज्यों में बनने वाले हाइे भी स्टील के कचरे से बनाए जाएंगे।

आपको बता दें कि स्टील की सड़क बनाने में सबसे पहले एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्टील के कचरे से गिट्टी बनाई गई और फिर इस गिट्टी का प्रयोग सड़क बनाने में किया गया। गुजरात के हजीरा पोर्ट के करीब एक किलोमीटर लंबी सड़क हैवी ट्रकों के चलते पूरी तरह से खराब हो गई थी। ईसके बाद सरकार ने प्रयोग के तहत सड़क की मरम्मत के लिए स्टील के कचरे का प्रयोग किया था।

जानकारी के अनुसार सड़क बनने के बाद अब हर दिन करीब 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन का वजन लेकर इससे गुजरते हैं लेकिन इसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं आया। एक्सपर्ट का कहना है कि इस प्रयोग के बाद अब देश के हाइवे और दूसरी सड़कें स्टील के कचरे से बनाई जाएंगी क्योंकि इससे बनी सड़के काफी मजबूत और टिकाऊ हैं।

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