Ram Navami 2022: जानें कब है रामनवमी, महत्त्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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रामनवमी पुरे भारत मे धाम धूम से मनाया जाता हे. रामनवमी का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं पर नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया, मॉरीशियस के साथ-साथ विश्व के सभी हिंदू समाज के लिए विशेष महत्व रखता है. रामनवमी के दिन श्री राम का जन्म, या कहे तो भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर मनुष्य स्वरूप मे अयोध्या मे अवतार लिया था. वैसे तो साल भर में चार नवरात्रि होती है इसमें से चैत्र नवरात्रि का बेहत महत्त्व होता हे. इस नवरात्रि की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और नवरात्रि के नौवें दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था.

रामनवमी का दिन चैत्र नवरात्रि का आखरी दिन होता है. लोग इस दिन छोटी कन्याओं को भोजन करवाते है, साथ ही मंदिरों में राम धुन बजाई जाती है. श्री राम के मंदिर की शोभा बधाई जाती है. कहीं मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा विधि भी की जाती है और मर्यादा पुरषोतम श्री राम का जन्म दिन धूम धाम से मनाया जाता हे. इस साल नवमी का त्यौहार 10 अप्रैल 2022 को रविवार के दिन आ रहा हे.

इस दिन तिथि का प्रारंभ दसवीं अप्रैल देर रात 1.30 मिनट पर शुरू होगा जो 3.15 मिनट में खत्म होगा. पूजा का मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से 1.30 मिनट तक शुभ है. रामनवमी की पूजा विधि: रामनवमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे, अगर हो सके तो सूर्योदय से पहले उठेगया, स्नान करके भगवा या पीले रंग के वस्त्र पहनते चाहिए जो पूजा विधि के लिए उच्च रहेंगे। इसके बाद आप परिवार के शब्दों के साथ भगवान श्री राम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की विधि विधान पूजा शुरू कर सकते हैं.

मंदिर को फूलो से सजाये, साथ ही प्रतिमा या तस्वीर पर चन्दन, कुमकुम का टिका लगाए, आपको भी तिलक लगाना चाहिए। पूजा विधि में चावल और तुलसी अर्पित करना ना भूले। धुप, अगरबत्ती, खुशबूदार फूलो से मंदिर रम का वातावरण पूजनीय बनाये. पूजा विधि में मिठाई का भोग लगाए और जिसे छोटे बच्चों में बांट दे. अगर आपको समय मिलता है तो छोटे बच्चों को राम का महत्व बताएं और उनके द्वारा किए गए पराक्रम, रामायण का महत्त्व बताये। अगर हो सके तो शाम को राम धुन लगाकर श्री रामचरितमानस का पाठ करिए साथ ही आप इस दिन रामायण का पाठ भी रख सकते हे.

ऊपर दी गई जनकारी मान्यताओं पर आधारित है. हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करते हे. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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