KGF 2 कभी मिट्टी उठाओ तो निकल आता था सोना, जाने क्यो बंध करनी पडी खदान जहा से कभी निकला गया था 900 टन सोना

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पिछले हफ्ते रिलीज हुई RRR ने कमाई के कही सरे रिकॉर्ड तोड़ दिए वही इस हफ्ते आई KGF भी शानदार कमाई कर रही हे. साउथ की फिल्मे अपनी एक्टिंग, स्टोरी की बदौलत पुरे भारत मे देखि जा रही हे और कमाई के मामले मे बॉलीवुड मूवी को भी पीछे छोड रही हे। मगर क्या आपको मालूम हे KGF एक सत्य घटना के इर्दगिर बनी हुई फिल्म हे? है आप सही सुन रहे हो KGF मे दिखाई गई गोल्ड मीन्स सचमे हुआ करती थी जहा से हजारो किलो सोना निकाला जाता था.

KGF फिल्म सत्यघटना के इर्दगिर गुमती नजर आती हे. KGF फिल्म मे दिखाई गई खदान की तरह ही भारत मे कोलार गोल्ड हुआ करती थी. फिल्म मे भी खदान के कब्जे और इसे लेकर चल रहे संधर्ष के बारे मे बताया हे। आपको बतादे की कोलार माइन की असली कहानी ‘KGF 2’ के एक्शन, थ्रिलर और रोमांच से कम दिलचस्प नहीं है। यह खदान कोलार जिले के रॉबर्ट्सनपेट तहसील में स्थिति हे.

कोलार खदान मे खुदाई की शुरुआत 17-18वीं शताब्दी के बीच हुई. खदान मे रूचि रखने वाले एक अंग्रेज अफसर को कोलर के इस विस्तार के बारे मे पता चला तो उसकी रूचि बढ गई. यहा पर आसानी से सोना मिल जाता था जिस वजह से इसकी बाते दूर दूर तक होने लगी थी. अंग्रेज अफसर भारत आया और उसने कोलर के इस विस्तार की जाँच की. वर्ष 1873 में वे मैसूर के तत्कालीन महाराजा के पास गए और खुदाई के लिए अनुमति मांगी।

मैसूर के राजा से उन्हे 20 साल के लिए खुदाई का लाइसेंस भी मिला और खुदाई 1875 में शुरू हो गई. अंदाजा जैसे सही निकला हो वैसे कोलार मे भारी मात्रा मे सोना मिलने लगा. इतना सोना की भारत विश्व मे सोने की खोज खुदाई के लिए अग्रेसर होने लगा था. कहा जाता हे के अंग्रेज अफसरो की पहरेदारी मे 30000 लोग दिनरात काम किया करते थे. कुछ ही वक्त मे वहा से 900 टन सोना निकला गया यानि नई 900000 किलो।

1956 में इसका रारस्तीयकरण हुआ खदान सरकारी कंपनी को दिया गया, जिसका नाम भारत गोल्ड माइंस लिमिटेड (बीजीएमएल) था। अंग्रेज ज्यादातर सोना निकाल चुके थे. भारतीय कंपनी को सोने से ज्यादा पैसा कर्मचारियो को वेतन देने के देना पडता था. जिस वजह से खदान को बंध करना पडा. कहा जाता हे के सालो पहले यहा की मिट्टी को पानी से निकाला जाता था तो सोने के कण आसानी से मिल जाते थे. आज बस यह खंडर बन के खडा हे.

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