IAS Success Story: ग्रेजुएशन तक पढ़ाई में एवरेज रहने वाले Junaid Ahmad कैसे बने UPSC टॉपर? जानें उनकी सफलता का राज

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हर साल तक़रीबन 10 लाख लोग UPSC का एग्जाम देते हैं जिसमे से केवल 10000 जितने लोग मेन्स में बैठ पाते हैं। उसके सामने वेकेंसी केवल 1000 के आसपास ही होती है। UPSC एक ऐसा एग्जाम हैं जिसमे आपके धैर्यकी आपके हौंसलो की जमके परीक्षा होती हैं। और यह परीक्षा वही लोग क्लियर कर पाते हैं जो लगे रहते हैं म्हणत करने मैं और हार नहीं मानते।

आज हम आपको एक ऐसे इंसान की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने लगातार 7 वर्ष की मेहनत कर UPSC न केवल क्लियर किया परन्तु पुरे भारत में तीसरा क्रम भी प्राप्त किया जिनका नाम हैं जुनैद अहमद। आखिर हौसले हो तो ऐसे लगन हो तो ऐसी। सहायद आपको हैरानी हो ये जानके की जुनैद अपनी ग्रेजुएशन तक एक एवरेज स्टूडेंट रहे और अपनी पढाई को लेकर वो कभी सीरियस नहीं थे। पर ये जो उन्होंने किया उसने सफलता के नए आयाम स्थापित कर दिए।

जुनैद मूलतः उत्तरप्रदेश के  जिले से बिलोंग करते हैं। जुनैद १२वी तक अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रहे। तत्पश्चात उन्होंने इंदिरा गाँधी नॅशनल ओपन युनिवेर्सिटी (IGNOU) से ग्रेजुएशन किया। जुनैद हमेशा ही एवरेज स्टूडेंट रहे। उनके हमेशा 60 % के आसपास ही मार्क्स आते थे।  लेकिन ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने UPSC कि ठानी और जामिया मैं चल रही रेजिडेंशियल कोचिंग ज्वाइन कर ली। यहाँ से वो गंभीरतासे तैयारी में जुड़ गए। उनके उस एक निर्णय ने उनकी ज़िन्दगी बदल दी।

जुनैद ने पहले जो ३ UPSC के अटेम्प दिए उसमे क्लियर नहीं हुआ लेकिन ४थे प्रयास में उनको सफलता मिली और उनको आल इंडिया रैंक 352 मिला। इस रैंक मैं उनको IAS सेवा नहीं मिली। ऐसे मैं उन्होंने और एक अटेम्प 2019 में दिया जिसमे उनको आल इंडिया रैंक 3 प्राप्त हुए और उनको IAS सेवा मिली।

जुनैदका मानना हैं की UPSC की तयारी में सबसे जरुरी हैं आशावादी नजरिया रखना। कई बार ऐसा होता ही सफर लम्बा खिंच जाता हैं और हम धैर्य खो देते हैं। किंतु धैर्य को न खोते हुए सतत लगे रहना जरुरी है। लगे रहने से सफलता जरूर मिलती हैं।

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