Hallmarking को लेकर ग्राहकों में कंफ्यूजन, जानें- पुरानी ज्वेलरी का अब क्या होगा?

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अगर आप कोई भी चीज खरीद रहे है तो उस पर हॉलमार्क का सिम्बोल और आईएसआई का सिम्बोल होना अनिवार्य है। हॉलमार्क और आईएसआई दोनों सिम्बोल किसी भी चीज की गुणवत्ता का भरोसा दिलाते है। हॉलमार्क वाली चीज सरकारी मापदंडो के अनुसार होती है और उस पर भरोसा किया जा सकता है। खबरों के अनुसार सरकार ने अभी अभी गोल्ड और ज्वेलरी पर हॉलमार्क का सिम्बोल अनिवार्य किया है। अगर किसी ज्वेलरी पर हॉलमार्क का सिम्बोल नहीं है तो वह वैध नहीं है।

अभी त्योहारों का समय आने वाले है तो इससे गोल्ड की खरीदी ज्यादा ज्यादा होगी। हमारे देश में दिवाली के समय पर लोग गोल्ड की ज्यादा खरीदारी करते है। सरकार के इस नियम से देश के लोगो में एक सवाल सा उठ रहा है के घर में रखी हुई ज्वेलरी में अगर हॉलमार्क प्रमाणित नहीं है तो उसका अब क्या होगा। लोगो के मन में यह भी सवाल उठ रहे है के अब वे आने वाले त्यौहार के समय में गोल्ड की खरीदारी करे के नहीं।

हॉलमार्किंग का अनिवार्य नियम सरकार ने 16 जून, 2021 से लागू हैं। फिलहाल देश के 256 जिलों में अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू हैं। इस नियम के आने से अब देश के ज्वेलर्स बहुत नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। क्योंकि देश में अभी हॉलमार्किंग सेंटर की संख्या बहुत सीमित है और जबकि उसकी डिमांड बहुत ज्यादा है। त्योहारों के समय में ज्वेलरी की डिमांड और बढ़ने वाली है. जिससे देश के हॉलमार्किंग सेंटरों पर और दबाव बढ़ जाएगा. बाजार में ज्वेलरी तभी पहुंच पाएंगी, जब ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग की प्रक्रिया पूरी होगी।

ज्वेलर्स को अब नई ज्वेलरी के साथ-साथ पुरानी ज्वेलरी को हॉलमार्किंग करवानी होगी। इस बात को लेकर ग्राहकों में भी कंफ्यूजन है। आपको बतादे के यह हॉलमार्किंग का नियम अभी तक तो ज्वेलर्स के लिए ही है इससे देश के लोगो को परेशान होने की जरुरत नहीं है।अगर आपके घर में भी पुरानी ज्वेलरी है तो उसको लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. घर में रखी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग जरूरी नहीं है।

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