पिछले एक सप्ताह में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की चार घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें ओला इलेक्ट्रिक का S1 Pro भी शामिल है। ओला इलेक्ट्रिक ने सही कारण का पता लगाने के लिए घटना की स्वतंत्र जांच की घोषणा की है। हालांकि, अन्य ईवी दोपहिया निर्माताओं की ओर से आग की घटनाओं के बाद उनकी कार्रवाई के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार ने घटनाओं को बहुत गंभीरता से लिया है और जांच रिपोर्ट में गलती पाए जाने पर इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्र ने हाल ही में देश भर में हुई ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) आग की घटनाओं की फोरेंसिक जांच के आदेश दिए हैं।
कंपनियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और स्वच्छ ईंधन वाली वाहनों को बढ़ावा देने के लिए गडकरी भरपूर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि भारत में ईवी और बैटरी का निर्माण वैश्विक मानकों के अनुरूप हो रहा है। हम विशेषज्ञ समिति से रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. रिपोर्ट आने के बाद कमी पाए जाने पर निर्माता के खिलाफ उचित कार्रवाई कि जाएगी।
आग लगने की घटनाओं के पीछे का कारण ज्यादा तापमान हो सकता है। गडकरी ने कहा, “हम अभी भी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद हम उचित कार्रवाई करेंगे। हम लोगों की सुरक्षा के लिए भी पर्याप्त उपाय करेंगे।
इसलिए लगती है बैटरी में आग
भारत में वर्तमान में उपलब्ध इलेक्ट्रिक स्कूटर ज्यादातर लिथियम-आयन बैटरी के साथ आते हैं। इन बैटरी के प्रोडक्शन में कमी रहने पर या सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पर इन बैटरियों में आग लग सकती है। इसके अलावा अगर बैटरी को चलाने वाले सॉफ़्टवेयर सही तरीके से डिज़ाइन नहीं किया गया हो तब भी आग लग सकती है।