DRDO ने MRSAM मिसाइल के 2 सफल और सटीक परीक्षण कर दिया यह सन्देश

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पुरे विश्व मे महामारी और अब रूस यूक्रेन मे चल रही जंग की वजह से पुरे विश्व मे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा हे. ऐसे मे DRDO ने अपने परिक्षण तेज कर दिए हे. भारत को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने के लिए DRDO हर संभव कोशिश कर रहा हे. आज एक फिर फिर सटीक निशाने के साथ दर्दो ने परिक्षण किया हे. यह परिक्षण बालासोर में ओडिशा के तट से किया था. यह मिसाइल मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल हे जिसे MRSAM भी कहते हे.

यह परिक्षण के दौरान दो मिसाइलों को तक़रीबन 10:15 बजे और 11:00 बजे उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों के खिलाफ सीधे प्रहार किया गया. यह मिसाइल अपनी सभी उम्मीदो पर खरी उत्तरी और सटीक निशाना लगाया। DRDO ने पिछले कुछ वक्त से अपनी काबिलियत प्रभावशीलता साबित करने मे कोई कसार नहीं राखी हे. ऐसे परिक्षण भारत की आर्मी को मजबूत करने मे मनोबल बढ़ने मे काफी मदद करेगे.

प्रक्षेपणों को लिफाफे के भीतर समुद्र-स्किमिंग और उच्च ऊंचाई कार्यक्षमता को कवर करने वाले लक्ष्यों के खिलाफ हथियार प्रणाली की सटीकता और विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए किया गया था। इन परीक्षणों के दौरान मिसाइल, हथियार प्रणाली रडार और कमांड पोस्ट सहित सभी हथियार प्रणाली घटकों के प्रदर्शन को मान्य किया गया है।

यह परिक्षण Defence Research and Development Organisation (DRDO) और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किए गया था। सफल परिक्षण से भारतीय सेना और मजबूत हो पायेगी और दुश्मन को जरूर पडने पे कडे जवाब दे पाने मे सक्षम हो पायेगी। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परिक्षण और काडी महेनत के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना की सराहना की और कहा कि सफल प्रक्षेपणों ने एक बार फिर प्रणाली की विश्वसनीयता साबित कर दी है

डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने साजा तौर पे विकसित की हुई हे. MRSAM आर्मी वेपन सिस्टम में मल्टी-फंक्शन रडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम और अन्य कही विशेषता शामिल है। इस मिसाइल ने हवाई लक्ष्यों को रोक दिया और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया, दोनों परिक्षण कामियाब रहे थे.  यह परिक्षण आत्मनिर्भर भारत की और एक और कदम हे.

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