दिवाली आ रही है और लक्ष्मी पूजा का ही समय आ रहा है| माना जाता है की लक्ष्मी जी की उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय हुई थी| जब लक्षी जी की उत्पत्ति हुई तब सभी ने हाथ जोड़कर लक्ष्मीजी की प्राथना करी थी| यह दिन कार्तिक अमावस्या का दिन था| इसीलिए इस दिन लक्ष्मीजी विशेष कृपा देती है| दीवाली के दिन हरकोई माता लक्ष्मी की पूजा करता है|
पूजा करते समय कुछ चीजे होती है जो ध्यान में रखनी चाहिए| माता लखमी की मूर्ति कैसे रखे, माता लक्ष्मी की मूर्ति कैसी होनी चाहिए सब हमें ध्यान में रखना होता है| आज हम आपको इस लेख में माता लक्ष्मीजी के बारेमे सब जानकारी देंगे जिससे आप इस दीवाली अच्छे से पूजा करके माता लक्ष्मी की विशेष कृपा पा सके|
दीवाली के समय लक्ष्मी पूजा करते समय और मुत्री चुनते समय क्या ध्यान में रखना चाहिए?
लक्ष्मी को चंचल माना जाता है, इसीलिए कभी पूजा स्थल पर लक्ष्मी माकी खड़ी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए| ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से लक्ष्मी उस जगह ज्यादा देर नहीं टिकती| हमेशा ध्यान रखे की मूर्ति या फोटो में लक्ष्मी माँ बैठी होनी चाहिए|
लक्ष्मी माता का वाहन होता है उल्लू, उल्लू भी स्वभाव से बहोत चंचल होता है| ध्यान रखे की लक्ष्मी माता की फोटो या मूर्ति में उल्लू पर बैठी हुई लक्ष्मी माता नहीं होनी चाहिए|
अधिकांस घरो में माता लक्ष्मी की मूर्ति के साथ गणेश जी को रखा जाता है| लेकिन यह गलत है| माता लक्ष्मी के साथ विष्णु जी की मूर्ति या फोटो रखनी चाहिए| लक्ष्मीजी के साथ गणेश जी की फोटो या मूर्ति तभी रखे जब दीवाली की पूजा कर रहे हो|
लक्ष्मी माता की मूर्ति दीवाल से सटाकर नहीं रखनी चाहिए| दीवाल और मूर्ति के बिच में थोडा अंतर जरुर होना चाहिए| इसके अलावा मूर्ति की दिशा भी ठीक रखनी चाहिए| माता लक्ष्मी की मूर्ति उत्तर दिशा में रखनी चाहिए| पूजा घर में एक से ज्यादा लक्ष्मी जी की मूर्ति या फोटो सजाकर नहीं रखनी चाहिए|
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