Automotive Scrappage Policy: दो बार फिटनेस टेस्ट में फेल हुई तो सीधे कबाड़ में जाएगी आपकी कार

Informational

ऑटोमोटिव स्क्रेपेज पालिसी देश में लागू हो गई है| इसमें घरेलु वाहनों जैसे की कार को 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट करना होता है| इसके चलते पिछले शनिवार को एक अधिसूचना जारी करी गई है| अगर आपके पास भी पुरानी गाडी है तो यह खबर आपके लिए है| अगर आपकी गाडी 2 बार फिटनेस टेस्ट में फ़ैल होती है तो आपको आपकी गाडी को कबाड़ में देने के आलावा कोई रास्ता नहीं रहेगा|

किसी गाडी की पहली फिटनेस टेस्ट अगर फ़ैल होती है तो वह दूसरी टेस्ट करवा सकता है| इसके लिए आपको जरुरी फीस देनी होती है| अपील करे जाने के बाद 15 दिनों में अपीलेट ऑथोरिटी आपकी गाडी की आंशिक या पूर्ण जांच कर सकता है| अगर वाहन फिट पाया जाता है तो अपीलेट ऑथोरिटी वाहन को फिटनेस का सर्टिफिकेट देगी| दूसरी बार जांच कराने पर अपीलेट ऑथोरिटी का फैसला अंतिम रहेगा|

फिटनेस टेस्ट करवाने के लिए मैकेनिकल इक्विपमेंट का सहारा लिया जाएगा| इस नियम के तहत कमर्शियल वाहनों का 8 साल बाद हर 2 साल में फिटनेस टेस्ट करवाना जरुरी होता है वाही घरेलु गाडियों को रजिस्ट्रेशन के 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट करवाना पड़ता है| उसके बाद हर 5 साल की अवधि पर फिटनेस टेस्ट करवाना होगा| इस पालिसी से प्रदुषण कम होगा|

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने कहा था की इस पालिसी के अंतर्गत जो कोई व्यक्ति अपनी गाडी स्क्रेप में देगा उसे एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा जिसे वह दूसरी गाडी खरीदते वक्त दिखाकर पंजीकरण के शुल्क में माफ़ी पा सकेगा| पुरानी गाडियों में रखरखाव, इंधन का ज्यादा वय जैसी परेशानियों से फायदा मिलेगा और उससे पैसे की बचत होगी| पुराने वाहनों की खामी और पुरानी तकनीक की वजह से हो रही दुर्घटनाओ सभी बचा जाएगा|

नितिन गडकरीजी ने भी कहा था की क्रेपेज पालिसी से कच्चे माल की लागत में 40% की कटौती होगी| हमारा देश हर साल 22 हजार करोड़ की स्क्रेप स्टील आयत करता है| इस पालिसी के जरिये उसमे भी हमें काफी फायदा मिलेगा| हमारे देश में यह निति से पर्यावरण का प्रदुषण भी काफी मात्रा में कम होगा|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *