सरकार पूर्ण व्हीकल्स को लेकर अपनी नीतिया स्पष्ट कर रही हैं। सरकार का यही मकसद हैं की लोग पुराने वाहनों का इत्सेमाल बंध करे और इसे प्रदुषण कम हो, तभी सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नई शुल्क व्यवस्था के बारे मैं अधिसूचना जारी की हैं की 15 साल से अधिक पुरानी कार मालिकों को अप्रैल 2022 के बाद वाहनों की ररजिस्ट्ररी और मॉडिफाई करने के लिए आठ गुना ज्यादा ज्यादा खर्च होगा।
कमर्शियल व्हीकल्स जैसे की ट्रक और बस के फिटनेस सर्टिफिकेट निकलवाने के लिए भी आठ गुना पैसा देना होगा। यानी की 15 साल से अधिक पुराणी कार्स को मॉडिफाई किये जाने पर करने वाले रेजिस्टरी के जो 600 रुपये लगते थे वो 5000 रुपये हो जायेगा। वैसे ही 15 साल पुरानी मॉडिफाइड मोटइरसिक्लेस की फीस जोकि अभी 300 रुपये हैं वो 1000 रुपये हो जायेगी। वही 15 साल पुरानी बस और ट्रक के फिटनेस सर्टिफिकेट पके लिए 12,500 रुपये लगेंगे। वही आयातित व्हीकल्स के लिए 40,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
इसके पीछे सरकार का यही मकसद हैं की लोग पुराने वाहनों का इत्सेमाल बंध करे और इसे प्रदुषण कम हो। जिससे ईंधन की खपत मैं भी कमी आये। पेट्रोल और फ्यूल के चार्जेस ज्यादा होने की वजह भी यही मानी जाती हैं की क्युकी गवर्मेन्ट इ-व्हीकल्स का उपयोग बढ़ाना चाहती हैं।