महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाई जाती है| वैसे तो हर महीने के कृष पक्ष की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि मनाई जाती है| इस साल 1 मार्च 2022 के दिन महाशिवरात्रि का दिन पड़ता है| शिवभक्त महाशिव रात्रि के दिन पूजा अर्चना करने के लिए तैयारिया कर रहे है|
लेकिन एक प्रश्न पगत होता है की आखिरकार महाशिवरात्रि किस कारण मनाई जाती है? आपको शायद मालुम नहीं होगा की महाशिवरात्रि मनाने के पीछे कुल तिन कारण बताये जाते है| आज हम आपको इस लेख में इसके बारेमे बताने जा रहे है|
महाशिवरात्रि मनाने के पीछे के तिन कारण
शिवपुराण में इसका जिक्र करा गया है| शिवपुराण के अनुसार भगवान सदाशिव शिवलिंग के स्वरूप में प्रगट हुए थे| ऐसा माना जाता है की उसी दिन भगवन शिव का सबसे पहले ज्योतिर्लिंग प्रगट हुआ था| जब यह घटना घटी उस दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी थी| इस लिए उस दिन महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है|
एक दूसरा करण यह है की, पौराणिक कथाओ के अनुसार फाल्गुन मास के कृष पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवन शिव और माता पारवती की शादी हुई थी| उसी दिन भगवन शिव ने वैराग्य जीवन का त्याग करके गृहस्थ आश्रम में प्रवेश किया था| इस दिन भारत में कुछ जगहों पर भगवन शिव की माता पारवती के साथ शादी करा कर महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है|
एक करण ऐसा भी है की फाल्गुन मास के कृष पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवन शिव के 12 ज्योतिर्लिंग यानी की सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, रामेश्वर ज्योतिर्लिंग और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रगट हुए थे| इसके करण भी शिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है|