8 साल की उम्र में हुई थी शादी, ससुरालवालों के साथ और अपनी लगन से आज बनीं MBBS डॉक्टर

News

हमारे देश में एक से बढ़कर एक सितारे भरे पड़े है, लेकिन सही जगह और सही माहौल न मिलने पर वह दबे के दबे रह जाते है. लेकिन कुछ सितारे ऐसे भी है जो धरती को फाड़कर या आसमान को चीरकर अपने आपको चमकाते है. आज हम बीकानेर की एक ऐसी होनहार बेटी के बारेमे बात करेंगे, जिसकी महज 8 साल में शादी होजाने के बावजूद उसने मेहनत नहीं छोड़ी और अपनी हिम्मत के दम पर आज डॉक्टर बन गई है.

हम बात कर रहे है डॉक्टर रूपा यादव की. जिनकी कहानी बहोतसी ऐसी लडकियो को हिम्मत देगी जो आज अपने परिवार की जिम्मेदारियो के चलते अपने सपनो को दबा कर बैठी है. लेकिन डॉक्टर रूपा की यह कहानी उनको बहोत प्रभावित करेंगी. हम आपसे आग्रह करते है की इसको आप जरुर शेयर करे ताकि डॉक्टर रूपा की कहानी सभी लोगो तक पहुचे और कई लडकियो को प्रेरणा मिले और वह अपना भविष्य साकार कर सके.

दरअसल रूपा के ताउजी ने रूपा के ससुर को वचन दिया था की रूपा और उनकी बड़ी बेटी की शादी वह उनके दोनों बेटो से करवाएंगे. रूपा के पताजी इसके खिलाफ थे, लेकिन बड़े भाई के वचन के कारण वह कुछ बल नहीं सकते थे. रूपा किशादी 8 साल की उम्र में हो गई थी लेकिन गौना होने तक रूपा अपने घर पर ही रही. रूपा पहले सेही पढ्नेमे तेज थी, उसके पिताजी उसे खेत लेजाते थे और वहा पर पढने के लिए कहते थे, ताकि कोई रूपा को डिस्टर्ब न करे और रूपा अच्छे से पढ़ सके.

10वि में रूपा 86% से पास होती है. गाव में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होता जो इतने नम्बरों के साथ पास हुआ हो. लेकिन रूपा के ससुरालवाले गौना करने की बात कह रहे थे. तब रूपा के पिताजी ने उनसे वचन लिया की वह रूपा को आगे भी जितना रूपा चाहे उतना पढ़ाएंगे तब ही वह उसे ससुराल भेजेंगे. रूपा के ससुरालवाले मान जाते है और रूपा को बहोत सपोर्ट करके पढ़ाते है.

रूपा 12वि के बाद NEET की एक्जाम देती है जिसमे उसका 22 हजार व रेंक आता है. उसके बाद रूपा को कोटा कोचिंग के लिए भेजा जाता है. रूपा को पढ़ाने के लिए उसको उसके पति, सांस, जीजाजी र बहन का पूरा सहयोग प्राप्त होता था. रूपा पास हो जाती है और उसे नजदीकी मेडिकल कोलेज में दाखिला मिलता है. MBBS करते समय लोकडाउन लगता है, उसी वक्त रूपा प्रेग्नेंट हो जाती है.

गर्भवती होने के बावजूद वह खूब मन लगाकर पढ़ाई करती है और MBBS पास कर लेती है. 28 अप्रेल 2022 को MBBS का रिजल्ट आता है और रूपा यादव अब डॉक्टर रूपा यादव बन गई है. डॉक्टर रूपा यादव अभी भी आगे पढना चाहती है. रूपा अपने गाव में अस्पताल खोलना चाहती है. डॉक्टर रूपा की यह संघर्षो से भरी कहानी ऐसी कई महिलाओ को एक चेतना देगी जिससे वह अपने दबे सपने पुरे कर सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *