75 किलो आटे की बनती है रोटियां, भारत का सबसे बडा परिवार, सयुक्त परिवार बना मिसाल

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आज ज्यादातर लोग जहा छोटे परिवार की और आगे बढ रहे हे या सयुक्त परिवार मे दूर भाग रहे वही कुछ परिवार आज भी भारत की परंपरा के अनुसार सयुक्त परिवार मे रहना पसंद करते हे. आज के युवा परिवार के साथ रहने मे जहा शर्म अनुभव करते हे या सास ससुर मा बाप की सेवा न करनी पडे इसलिए परिवार से दूर भागते नजर आते हे वही कुछ परिवार आज भी समाज के लिए मिसाल बने हुए हे.

अपने शायद मिजोरम के जिओन परिवार के बारे मे सुना होगा जो 180  लोगो का परिवार साथ रहता हे. मगर देश का सबसे बडा परिवार राजिस्तान के अजमेर मे रहता हे. आइये जानते हे इस परिवार के बारे मे. आपको बतादे की यह परिवार मे तकरीबन 10 चूल्हे जलाये जाते हे तब जेक सबका पेट भर पाता हे. यहा तकरीबन 185 लोग रहते हे. आप इससे सोच सकते हे की आज जहा 4,5 लोग साथ नही रह पते वहा 185 लोग मिलजुल के रहते हे.

भागचंद माली बताते हे की उनके दादा सयुंक्त परिवार मे मानते थे और उन्होंने ही साथ रहने की सिख दी थी और बताया था साथ रहोगे उतने मजबूत रहोगे एक दूसरे की मदद कर पाओगे, सुख दुःख साथ मे बाट पाओगे. उनके दादा का नाम सुलतान माली था जिनके 6 बेटे थे, जिनमे भंवर लाल सबसे बडे थे. दादा उनको साथ रहने की सिख देते आते इसलिए सभी भाई साथ रहे, तो दूसरी और उनके बच्चे भी अपनी पिता के रह पर चलते हुए साथ रहे,इसका नतीजा आज भी उनका परिवार साथ है.

परिवार ने आगे बताया की जब नया सदस्य परिवार का हिस्सा बनता हे तो शरू मे थोड़ी मुश्किलें आती हे मगर फिर वह परिवार की सोच के साथ जुड़ जाता हे.  परिवार के लोगो ने बताया की चुनावो मे भी उनको खास जटावज्यो दी जाती हे. उनके घर के ही 125 वोट होने की वजह से सरपंच से लेके बडे चुनावो मे नेतागण मिलने आ पोहचते हे.

परिवार के लोग बताते हे की सयुक्त परिवार मे आर्थिक समस्या कम रहती हे. साथ ही अगर सयुक्त परिवार मे रहना हे तो एक दूसरे की छोटी मोटी गलतिया माफ करना सीखना होगाया नजरअंदाज करना होगा तभी एक परिवार सियुक्तता से चल सकता हे. परिवार मे आपसी समज और एक दूसरे के लिए त्याग भावना भी जरुरी हे. सियुक्त परिवार से मेन्टल हेल्थ भी अछि रहनेका अनुमान बताया जाता हे.

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