-60 डिग्री तापमान और 6500 किलोमीटर का सफ़र तय कर प्लेन के पहिए में छिपकर लंदन पहुंचा प्रदीप सैनी

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हम सभीने अफ़ग़ानिस्तान का प्लेन वीडियो देखा हैं जिसमे ३ लोग विमान से गिरकर मर गए। देखा जाए तो यह बिलकुल ही रोंगटे खड़े करने वाली घटना थी क्युकी विमान के बहार लटके रहने के लिए कोई जरूर ऐसी मज़बूरी होती हैं जो जान से भी ज्यादा जरुरी होती हैं।

अगर हम आपको एक ऐसे इंसान के बारें में बताये जो की प्लेन के बहार ही चुपके भारत से लन्दन पहुंचा था तो? विश्वास नहीं होगा ना ? ये स्टोरी आप सुनेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। जब पूरी दुनिया को ये किस्सा मालूम हुआ था  हक्के बक्के रह गए थे। द सन के अनुसार १९९६ मैं भारत में रहने वाले दो भाई प्रदीप सैनी जो की २३ साल के थे और विजय सैनी जो की १९ साल  के थे। दोनों ही भाई ब्रिटिश एयरवेज के विमान के लैंडिंग गियर मैं छुपके भारत से लंदन पहुंचे थे।

दरसल हुआ यु था की दोनों भइओ को हमेशासे ही लंदन जाना था लेकिन उतने पैसे नहीं थे और न ही वीसा का कोई इंतजाम हो सकता था।   ऐसे मैं दोनों भाईओने पलने से भागने का प्लान बनाया। दोनों ही भाई पंजाब से दिल्ली आ गए उसके बाद वो दिल्ली एयरपोर्ट की रेकी करने लग गए। जैसे ही उन्हें मौका मिला वो एयरपोर्ट के अंदर दाखिल हो गए।  छुपते छुपाते प्लेन के पहिये के पास लैंडिंग गियर मैं छुप गए। उन्होंने अपनी जान की भी परवाह नहीं की। आपको बतादे की लंदन से दिल्ली की दुरी लगभग ६५०० किलोमीटर हैं और तकरीबन १० घंटे का रास्ता हैं।

दोनों भाई १० घंटे उसी जगह छुपे रहे। लेकिन जब वे लंदन पहुंचे तो ठण्ड और आवाज की वजह से बेहोश हो गए थे। दुर्भाग्य से विजय सैनी नहीं बच पाए। वो रस्ते मैं ही गिर गए।  लेकिन प्रदीप सैनी बेहोशी की हालत मैं लंदन पहुँच गए। प्रदीप को फिर लंदन के अस्पताल मैं भर्ती करवाया गया था।  होश मैं आने के बाद उनकी कहानी सुनकर सब चौंक गए थे। उनकी जगह कोई भी इंसान होता तो -६० डिग्री तापमान और उतनी आवाज मैं जिन्दा नहीं बचता।

हलाकि उसके बाद प्रदीप के ऊपर अवैध रूप से लंदन मैं घुसने के लिए १८ साल तक क़ानूनी प्रक्रियाओं को झेलना पड़ा था। किन्तु अब उनको ब्रिटिश नागरिक बना लिया गया हैं और वो ब्रिटिश एयरपोर्ट पे ड्राइवर हैं।  दूसरे देश मैं स्थायी होने का पागल पैन तो आपने देखा ही होगा लेकिन सैनी जैसा नहीं।

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