5 साल नहीं एक साल की नौकरी पर ही ग्रेच्युटी मिलने की संभावना! जानिए Gratuity का पूरा गणित

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नौकरी कर रहे लोगो के लिए एक बड़ी खुश खबरी है| केंद्र की मोदी सरकार उन्हें दीवाली गिफ्ट के तौर पर एक बड़ा तौफा दे सकती है| यह तौफा कर्मचारियो को ग्रेज्युटी के तौर पर प्राप्त होगा| वर्तमान समय में ग्रेज्युटी एक कर्मचारी के 1 ही कंपनी में 5 साल काम करने पर मिलती है| अब मोदी सरकार इसका नियम बदल कर 1 साल कर सकती है| जिससे हर कर्मचारी को फायदा मिलेगा| आने वाले अक्तूबर महीने में न्यू लेबर कोड के तहत सरकार इसकी घोषणा कर सकती है|

ग्रेज्युटी किसीभी नौकरी करने वाले कर्मचारी को एकही कंपनी या जगह पर 5 साल काम करने पर मिलती है| कमसे कम 5 साल उस व्यक्ति को उस संस्था के साथ जुड़ा रहना होता है| ग्रेज्युटी पीएफ, पेंशन, सेलारू जैसे ही कोई भी कर्मचारी को मिलती है| बस उस कर्मचारी को लगातार 5 वर्ष तक एक ही संस्था में काम करना होता है| अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाए या फिर कोई कर्मचारी विकलांग हो जाए तो उसे 5 साल के पहले भी ग्रेज्युटी मिल सकती है|

ग्रेज्युटी आप अपने आपसे भी गिन सकते है| ग्रेज्युटी 2 चीजो पर निर्भर करती है| पहली आपने कितने सालो तक कंपनी में काम किया और दूसरा आपकी अंतिम सेलेरी कितनी थी| ग्रेज्युटी गिनने का एक फार्मूला है| ग्रेज्युटी रकम=(अंतिम सेलरी)x(15/26)x(कंपनी में कितने साल काम किया)

हम आपको एक उदाहरण देकर समजाते है| अगर कोई व्यक्ति 5 साल तक किसी कंपनी में काम करता है और वह कोई कारण सर या अपने आप नौकरी छोड़ डेटा है और उसकी अंतिम सेलरी 20,000 रुपये है| यहाँ 26 महीने के दिन है, जिसमे 4 दिन छुट्टी के काटे जाते है| अब एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेज्युटी गिनी जाती है| इस प्रकार से उस व्यक्ति की ग्रेज्युटी रकम (20,000)x(15/26)x(5)=57,692 रुपये बनेगी|

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