5 साल की बच्ची को शेर उठा के ले गया, पिता ने बेटी को बचा ने के लिए जान की फिक्र छोड शेर से की जंग 

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एक बाप अपने बच्चो के लिए शेर से भी जंग कर सकता हे या कोई भी मुसीबत का सामना कर सकता हे यह बात हमने कही बार सुना होगा मगर ऐसी ही एक सच्ची घटना गुजरात के अमरेली जिले मे हुई हे. आपको बता दे की एशियाई लायन या शेर सिर्फ गुजरात मे पाए जाते हे. गुजरात के जूनागढ और उसके आसपास के डिस्ट्रिक्ट मे गिर का जंगल फैला हुआ हे.

अक्सर अमरेली जूनागढ मे शेर और इंसानो का आमना सामना हो जाता हे. ऐसा कम ही सुनने को मिलता हे की किसी शेर ने इंसान पे हमला किआ हो. शेर अक्सर मवेशियो पे हमला कर देते हे. मगर इस किस्से मे शेर ने छोटी सी बच्ची पे हमला कर दिया. यह घटना अमरेली जिले के बगसरा के कदवा गाव की हे. छोटी सी बच्ची खेत मे खेल रही थी. तभी खूंखार शेर ने 5 वर्षीय बेटी निकितापे हमला कर दिया.

शेर लडकी को उठा के जंगल की तरफ भागा। लडकी को बचाने के लिए लडकी के पिता सुक्रमभाई शेर के पीछे भागे। लेकिन दुर्भाग्य से उसके पिता लडकी को नहीं बचा सके। सुक्रमभाई के कानो पर बेटी की चीख की आवाज पडते ही. पिता शेर के पीछे भागा। अपनी जानकी फिक्र किये बिना एक पिता निहथे हाथो ही बेटी को बचाने के लिए शेर का पीछा करने लगा. शेर लडकी को आधा किलोमीटर तक ले गया, और पीता ने अपना फर्ज निभाते हुए शेर के आगे तक आ गया और शेर का सामना करने लगा.

सुक्रमभाई के हौसले को देख शेर बच्ची को छोड वहा से भाग निकला। बेटी को काफी छोट आने की वजह से खून काफी बाह जाने की वजह से सुक्रमभाई बेटी को उठा के गांव ले आये मगर तब तक देर हो चुकी थी. इतनी कोशिशों के बावजूद बेटी बच नही पाई. घटना के बाद किसान एकत्र हो गए और वन विभाग को सूचना दी। स्थानीय किसानो सहित ग्रामीणो ने पिंजरा लगा के शेर को पकडने की मांग की. देर रात वन विभाग ने शेर को पिंजरे में बंद कर दिया.

माँ की ममता के बारे मे तो हर कोई बताता हे, मगर बाप के त्याग की बात शायद ही कोई करता हे. इस हादसे का असर एक बाप पर क्या पडा होगा उसका अहसास करना भी मुश्किल हे. जो बाप अपनी बेटी के लिए शेर से भीड जाये, जो अपने बच्चो के लिए अपनी जान की भी फिक्र न करे ऐसे लोगो के लिए सो सलाम। यह सदमा या दुःख सहन करने के लिए आपको शक्ति मिले।

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