आज कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमे महिलाएँ पुरुषो से कंधे से कंधा मिलकार काम न कर रही हो। आज हर क्षेत्र में महिलाए पुरुषो के समान कक्ष आके खड़ी है और किसी भी देश की उन्नति के लिए महिलाओ की भागीदारी बेहद आवश्यक है। वैसे तो महिलाऐ आज हर किसी क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है लेकिन आज भी ऐसे कुछ क्षेत्र है जहा पे महिलाए बहोत ही काम दिखाई देती है।
आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने वाले है। हम बात कर रहे है तेलंगाना की येडालपल्ली आदिलक्ष्मी की जो पुरुषो का काम माने जाने वाला मिकेनिक के काम में अपना खुद का एक अलग नाम बना चुकी है। शुरूआत में लोग इस महिला के पास टायर मरम्मत करवाने से हिचकते थे। लेकिन अब वो अपने काम की वजह से पूरे तेलंगाना में मशहूर मैकेनिक बन चुकी हैं।
तेलंगाना के भद्रादी कोठागुडेम गांव की रहने वाली 31 वर्षीय आदिलक्ष्मी टायर मरम्मत का काम करती हैं।कोठागुडेम कस्बे के पास सुजाता नगर में एक छोटा सा गैरेज चलाने वाली आदिलक्ष्मी मोटरसाइकिल के साथ ही कार और ट्रैक्टर, ट्रक के टायर ठीक करने का काम करती हैं। दो बच्चों की मां आदिलक्ष्मी ने टायर ठीक करने का काम अपने पति भद्रम के ऑटोमोबाइल की दुकान से शुरू किया।
शुरूआत के दिनों जब वो दुकान पर बैठती थीं तो लोग उन्हें देखते ही लौट जाते थे। जिससे वो काफी निराश महसूस करती थीं। दरअसल, जब भी उनके पति काम के सिलसिले में टायर ठीक करने कहीं बाहर जाते तो वो दुकान पर बैठती थीं। लेकिन दुकान पर महिला को देखकर कई सारे ग्राहक लौट जाते थे। इस तरह काम को लौटते देख आदिलक्ष्मी के मन में बहुत निराशा होती थी। ऐसे में उसने टायरों हवा भरने जैसे छोटी चीजों से शुरूआत की। दिलचस्पी बढ़ने के साथ उनमे आत्मविश्वास भी आने लगा और वो पति के साथ पंचर बनवाने में मदद करने लगीं। वह बताती हैं कि शुरूआत में वो चार पंक्चर ठीक कर थक जाती थीं। लेकिन अब वो दिनभर में कई सारे पंक्चर ठीक कर सकती हैं।