दुख और तकलीफ हर किसी के जीवन में आती है। ऐसे में असली हीरो वही होता है जो इन तकलीफों के आगे घुटने टेकने की बजाय इनका सामना करे। हम अक्सर देखते हैं कि लोग अपने बुरे हालातों का बहाना बनाकर जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ते हैं। उनके पास मेहनत न करने के सत्रह बहाने होते हैं। लेकिन जो व्यक्ति जीवन में कुछ हासिल करना चाहता है, वह मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी सफलता का स्वाद चख लेता है। अब केरल राज्य की एनी शिवा नाम की इस महिला सब-इंस्पेक्टर को ही ले लीजिए।
31 साल की एनी शिवा जब 18 साल की थी तो उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया था। तब उनकी गोद में 6 महीने का बच्चा था। यह उनकी लव मैरिज थी इसलिए वह परिवार (मायके) के पास भी नहीं जा सकी। एक छोटे से बच्चे को लेकर उन्होंने अकेले ही जीने का संघर्ष शुरू किया। वह अपने मासूम बच्चे को गोद में लेकर कभी नींबू पानी तो कभी आइसक्रीम बेचा करती थी। वह इन हालातों से हार मान लेती तो वहीं ज़िंदगीभर सड़क पर कोई छोटा मोटा धंधा ही कर रही होती। हालांकि एनी ने अपनी लाइफ में बदलाव लाने की ठान ली थी और वह उसमें सफल भी हुई।
वर्तमान में एनी केरेल के वर्कला में पुलिस इंस्पेक्टर (SI) बनकर अपनी ड्यूटी दे रही हैं। यह वही जगह है जहां कभी वे अपने 6 महीने के बेटे को लेकर सड़क पर नींबू पानी बेचा करती थी। जब उन्हें पता चला कि उनकी पोस्टिंग वर्कला पुलिस स्टेशन में है तो यह सुन वह इमोशनल हो गई। उन्हें अपने संघर्ष के दिन याद आ गए। इसी जगह वह अपनी दो वक्त की रोटी के लिए नींबू पानी और आइसक्रीम बेचा करती थी। वे बताती हैं कि मैंने इस जगह कई आंसू बहाए हैं, तब मेरा साथ देने वाला भी कोई नहीं था।
केरल पुलिस ने एनी शिवा को पुलिस इंस्पेक्टर बनने पर बधाई भी दी है। उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा कि एनी शिवा इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास की माडल हैं। एक ऐसी लड़की जिसे 18 साल की उम्र में पति और परिवार दोनों ने छोड़ दिया। वह 6 महीने के बच्चे को लेकर सड़कों पर नींबू पानी बेचती थी। अब वह वर्कला पुलिस स्टेशन में पुलिस इंस्पेक्टर (SI) बन गई हैं।