कोरोना ने पहले से ही कमर तोड़ रखी थी और उसके बाद अब महंगाई ने हालात को और बदतर कर दिया है। भारत जैसे देशो में महंगाई एक बहुत बड़ी समस्या है। महंगाई आम लोगो का जीवन हराम कर देती है। महंगाई देश के आम लोगो के खुशीया छीन लेती है। देश में दिन ब दिन महंगाई बढ़ती ही जा रही है , जिस प्रकार से महंगाई बढ़ रही है उस हिसाब से देश के आम लोगो की इनकम में इजाफा नहीं हो रहा है।
हाल ही में सरकार ने महंगाई दर को लेकर जो आंकड़े जारी किए हैं। वो बताते हैं कि देश में महंगाई दर 8 फीसदी के करीब पहुंच गई है। भारत जैसे देश में महंगाई का बढ़ना इसलिए भी चिंता बढ़ाता है, क्योंकि अब भी यहां एक आम आदमी की महीने की कमाई साढ़े 12 हजार रुपये के आसपास है।
सरकार खुद मानती है कि देश में 80 करोड़ से ज्यादा लोग गरीब हैं, तभी उन्हें मुफ्त में अनाज दिया जाता है। सरकार के मुताबिक, अप्रैल में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर 7.79% रही. महंगाई की ये दर 8 साल के उच्च स्तर पर है। इससे पहले मई 2014 में महंगाई दर 8.33% रही थी. महंगाई दर मतलब है किसी सामान या सेवा की समय के साथ कीमत बढ़ना।
इसे हम किसी महीने या साल के हिसाब से मापते हैं. मसलन, कोई चीज सालभर पहले 100 रुपये की मिल रही थी, लेकिन अब 105 रुपये में मिल रही है. इस हिसाब से इसकी सालाना महंगाई दर 5 फीसदी रही। महंगाई दर का आकलन अभी 2012 के बेस प्राइस से किया जाता है. इससे अनुमान लगाया जाता है कि 2012 के 100 रुपये में आप जो चीज खरीद सकते थे, आज वही चीज खरीदने के लिए आपको कितना खर्च करना होगा।
2012 में अगर आप 100 रुपये में कोई सामान खरीदते थे, तो आज उसी चीज को खरीदने के लिए आपको 170.1 रुपये खर्च करने होंगे। एक साल पहले तक आपको 157.8 रुपये खर्च करने पड़ते थे. यानी, एक साल में उसी सामान को खरीदने के लिए आपको 12.3 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं। चूंकि, एक साल में ही आपको उसी सामान को खरीदने के लिए 157.8 रुपये की बजाय 170.1 रुपये खर्च करने पड़े, इसलिए सालाना महंगाई दर 7.79% हो गई।