हनुमान जी के 3 चमत्कारी रहस्य, जाने ब्रह्मचारी होने के बाद भी कैसे हुआ पुत्र

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हनुमान जी समय के हर काल मे अपने चमत्कार दिखाते आए हे। कलयुग मे भी हनुमान जी साक्षात माने जाते हे। कहा जाता है की हनुमान जी कलियुग मे भी अपने भक्तो को आर्शीवाद देते ही और उनकी मनोकामनाए पूरी करते हे। सीता जी ने उन्हें आठ प्रकार की सिद्धियों का वरदान दिया था. वही भगवान राम सदेव उनके साथ रहते ही। इसके अलावा उनके पिता चंद्र देव से भी कही वरदान मिले हे।

इतना ही नही भगवान सूर्य और इंद्र देव ने भी हनुमान जी को कही वरदान दिए हे। आइए जानते हे हनुमान जी से जुड़े ऐसे ही चार वरदान। 1. हनुमान जी कलयुग मे भी अपने सत्सत्कार दिखाते रहेंगे। कलयुग मे उनका निवास स्थान गंधमदान पर्वत हे

भगवान राम के अलावा माता जगदबा के सेवक भी रह चुके ही हनुमान जी। कहा जाता है की माता के साथ भैरव जी की और हनुमान जी रहते थे। महाभारत मे भी हनुमान जी अर्जुन के रथ पर सवार रहे थे। हनुमान जी का जन्म कर्णातक के हम्पी के मतंग के पास हुआ था।

जैसा की हम जानते हे हनुमान जी ब्रमचर्य  के अनुयाई थे. ऐसे मे यह प्रश्न हमेशा रहता हे की ब्रमचर्य के बावजूद हनुमान जी को पुत्र कैसे था? तो आइये जानते हे यह रहस्य, माना जाता हे की उनके पसीने से उनका एक पुत्र हुआ. जब हनुमान जी लंका को जलाकर समुद्र से पसार हो रहे थे तब गर्मी की वजह से पसीना समुन्द्र के पानी मे गिर रहा था. उनके शरीर से टपका पसीना एक मादा मगरमच्छ ने निगल लिया और पुत्र हुआ.

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