सोने के ये 8 जेवर जिन्हें पहनने वाली महिलाएं कभी नहीं होती बीमार,खासियत जान हो जाएंगे हैरान!

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सोने के गेहने पहनने से महिलाओं के श्रृंगार और उनकी खूबसूरती में इजाफा होता है यह तो हम सबको मालूम है। लेकिन क्या आपको पता है के सोने के जेवरात पहनने से महिलाओ की सेहत भी बहुत अच्छी रहती है। बतादे के प्राचीन काल से परंपरा में चली आ रही करीब आठ प्रकार की सोने के गहने सीधा महिलाओं की सेहत पर असर डालते हैं। आयुर्वेदाचार्यों की माने तो जब से महिलाओं ने इनको पहनना छोड़ा उसके बाद से उनमें बीमारियां बढ़नी शुरू हो गई हैं।

पुराने जमाने में ज्यादातर महिलाएं आठ प्रकार की ज्वैलरी हमेशा पहना करती थी। ये ज्वैलरी थी मांग टीका,कान की बाली, बाजू बंद, हार, अंगूठियां, करधनी, पैर की बिछियां,पायजेब। इन जेवर को पहनने वाली हर एक महिलाएं हमेशा स्वस्थ्य और तंदुरस्त रहती थी। जैसे जैसे समय बदला महिलाओं ने इन जेवरों को पहनना कम कर दिया। जिससे महिलाओं में बीमारियां भी बढ़ने लगी । आइए बताते हैं कि कैसे ये ज्वेलरी महिलाओं को स्वास्थ्य रखती थी।

माथे का मांग टीका माथे का मांग टीका लगाने से महिलाओं की एकाग्रता बढ़ती थी। माथे का मांग टीका पहनने वाली महिलाओं का एक अलग ही प्रकार का प्रभाव होता है। मांग टीका महिलाओं को पानी संबंधी बीमारी से भी बचाने का काम करता था।

कान की बाली महिलाओं केा बचपन में ही कान और नाक छिदवाने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। ऐसा करने से और कान में बाली पहनने से महिलाओं को नाक-कान-गले की समस्याओं से निजात मिलती थी। इसके अलावा महिलाओं में टांसिल की समस्या पहले बिल्कुल नहीं होती थी।

बाजू बंद सोना,चांदी या फिर पंच धातु का बाजूबंद पहनने से दिल और यकृत संबंधी परेशानियों से महिलाओं को निजात मिलती थी। इससे महिलाओं में एनर्जी का संचार होने के साथ ही स्नायु तंत्र संबंधी समस्याओं से भी लाभ मिलता था।

कंठी या गले का हार गले का हार या कंठी पहनने से रीढ़ की हड्डी के ऊपरी भाग से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा चेन में लॉकेट पहनने से सर्वाइकल की समस्या खत्म होती है।

अंगूठियां अंगूठी पहनने से दांत, जीभ, कान, चेस्ट और अनिद्रा से संबंधित दोषों का समाधान होता है।

करधनी कमर में पहनी जाने वाली करधनी सोने की हो या फिर चांदी की। इसके पहनने से रीढ़ की हड्डी, कमर के अलावा स्किन से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता था। इसके अलावा इसे पहनने से पाचन तंत्र भी दुरूस्त रहता था।

पैर की बिछिया महिलाओं को होने वाली आम स्वास्थ्य समस्या गठिया में लाभ पहुंचता है। महिलाओं की सुंदरता में भी इजाफा होता है और खुद पर नियंत्रण भी बढ़ता है।

पाजेब पैरों में पहने जाने वाली पाजेब से भावनात्मक कठोरता में कमी आती है आसपास के लोगों के प्रति लगाव बढ़ता है। एडी संबंधी बीमारियों से भी छुटकारा मिलता था।

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