सिंकदर के समय का ‘खजाना’ मिला, पत्थरों को काटकर बनाए गए थे 400 मकबरे

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तुर्की में आर्केलॉजिस्टस ने एक ऐसी साइट खोज ली हैं जहाँ सिकंदर के समयके मकबरे मिले हैं। जो की पत्थर काटकर बनाये  गए हैं। यह कब्रगाह लगभग 1800 साल पुराना है जिसके अंदर बहुत खूबसूरत वॉल पेंटिंग पाए गए हैं।  दीवारों पर पेंटिंग के साथ-साथ कुछ बहुमूल्य वस्तुएं भी मिली है जिन्हें लोग खजाना कह रहे हैं। यह मकबरे रोमन साम्राज्य के समय पत्थरों को काट के बनाए गए थे।

सार्कोफागी प्रक्रिया के लिए करते थे उपयोग

तुर्की के ऐतिहासिक शहर ब्लॉन्ड में यह पत्थर में बने मकबरे मिले हैं। इस शहर को सिकंदर के समय में बसाया गया था। यह शहर रोमन और ब्रिसबेनसाम्राज्य  तक अपने स्वर्णिम युग में था।  इन गुफाओं में मारे गए जीवो और इंसानों को रखा जाता था।  जिस प्रक्रिया को सार्कोफागी कहते हैं। ऐसा कई पीढ़ियों तक किया गया था।  तुर्की के पुरातत्वविद बिरौल बताते हैं कीजब भी किसी की मृत्यु होती थी तो उसका अंतिम संस्कार यही किया जाता था, और मकबरे को बंद कर दिया जाता था।

मंदिर ,थिएटर ,जिम्नेशियम और हेरुन की समाधी 

उन्होंने कहा कि पुरातत्वविद इसके बारे में डेढ़ सौ सालो से जानते थे,लेकिन कभी भी इसमें सही तरीके से खनन नहीं किया गया था। 2018 में सही सिस्टम के साथ इसकी खनन की शुरुआत की गई। इस साइट पर अभी तक दो मंदिर, एक थिएटर, एक सार्वजनिक बाथरूम, एक जिम्नेशियम, शहर की दीवारें, एक बड़ा दरवाजा , रोमन साम्राज्य के सबसे बड़े हीरो हेरुन की समाधि और यह पत्थरों में कटे मकबरे खोजे गए हैं। इन मकबरो के अंदर दूसरी और तीसरी सदी के इंसानों की हड्डियां मिली थी। इसका धीरे-धीरे खनन करने से अब तक 400 मकबरे खोजे जा चुके हैं।

डकैतों के पसंदीदा दूसरी एवं चौथी सदी के सिक्के 

यह जगह डकैतों की पसंदीदा जगह थी क्योंकि डकैत मौका पाकर इन जगहों पर खनन करते थे, और जो भी अंदर रखा हुआ खजाना मिलता था वो ले जाते थे। महंगी कलाकृतियां और कुछ जेवरात मिलते थे वह सब लूट लेते थे। इन मकबरा में रोमन साम्राज्य के दूसरी एवं चौथी सदी के कुछ सिक्के भी मिले हैं।  इन मकबरे की दीवारों पर जो पेंटिंग की गई है वह प्राकृतिक रंगों से की गई है। कुछ मकबरे बहुत ही बेहतरीन अवस्था में मिले हैं। देखने पर लगता है कि पहले कुछ कमरे बनाए गए हैं और बाद में जैसे-जैसे जरूरत बनती गई उसमें और कमरे खोदे गए हैं।

ब्रेसलेट ,हेयरपिन ,अँगूठिया और डायमंड

कुछ मकबरो के अंदर तो डायमंड, शीशे, अंगूठियां, ब्रेसलेट, हैरपीन, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट और तेल के दीए भी मिले हैं। असल में यह सभी चीजें मरने वालों को दी जाती थी क्योंकि उन्हें किसी चीज की कमी ना हो। उस समय से मान्यता थी कि दूसरा शरीर मिलने से पहले लोग यहां कुछ समय बिताते हैं तब तक के लिए उनके लिए यह सब चीजें तोहफे में रखी जाती थी।

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