साउथ के सामने क्यों नहीं टिक पाती हैं बॉलिवुड फिल्में ? संजय दत्त ने उठाया इस राज से पर्दा

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काफी लम्बे समय के इन्तजार के बाद साउथ सिनेमा मोस्टअवेटेड फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ 14 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज की गई। रिलीज होने से पहले ही फिल्म ने बुकिंग से ही अपनी आधी कमाई कर दी थी , रिलीज के बाद से ही इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपना दबदबा बना रखा है। इस मूवी ने ‘बाहुबली 2’ और हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘RRR’ को भी कमाई के मामले में पछाड़ दिया है। फिल्म ने रिलीज से पहले ही कई रिकॉर्ड्स तोड़ दिए थे और अब उसका जलवा बॉक्स ऑफिस पर भी बरकरार है।

KGF-2’ को जबरदस्त ओपनिंग मिली है और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है। देश के कई राज्यों में फिल्म के शो हाउसफुल जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, फिल्म ने महज 4 दिनों में ही करीब 552 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है। संजय दत्त केजीएफ 2 में अहम किरदार में हैं। उन्होंने फिल्म में ‘अधीरा’ की भूमिका निभाई है। ‘अधीरा’ के लुक ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा।

एक खास बातचीत में संजय दत्त ने अपने अनोखे अंदाज में ‘केजीएफ 2’ में काम करने के सफर पर चर्चा की, साथ ही उन्होंने साउथ फिल्मों और हिंदी फिल्मों के बीच क्रिएटिविटी के अंतर के बारे में भी बात की। जब संजय दत्त से पूछा गया कि क्या एक्शन से भरपूर इन बड़ी टिकट वाली फिल्मों के कारण ही साउथ इंडस्ट्री बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता हासिल कर रही है? इस पर एक्टर ने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हीरोइज्म को भूल गई है, जबकि साइट इंडस्ट्री नहीं भूली।

संजय दत्त ने कहा, “मुझे लगता है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हीरोइज्म या साहस को भूलती जा रही है, जबकि साउथ फिल्म इंडस्ट्री इस बात को नहीं भूली। मेरा मानना है के देश की सबसे बड़ी ऑडियंस UP, बिहार, झारखंड, राजस्थान के लोगो को भूल गए है। मुझे उम्मीद है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में यह चलन वापस आएगा। कॉरपोरेटाइजेशन अच्छा है, लेकिन इससे फिल्मों में हमारे टेस्ट में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए।

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