हमरे देश में बहुत सारे बच्चे ऐसे है जो पढाई लिखाई में बहुत होशियार होते है लेकिन अपने परिवार की परिस्थिति के कारण वह आगे पढ़ नहीं पाते फिर कुछ न कुछ करने अपना गुजारा कर लेते है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने वाले जो देश के सभी उन बच्चो के लिए उदहारण और प्रेरणा रूप साबित होने वाली है।
हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली अंकिता नागर के बारे में। बतादे के अंकिता नगर बचपन से ही पढाई लिखाई में बहुत ही होशियार थी। अंकिता के माता पिता इंदौर में रेडी लगाकर सब्जिया बेचते है। और गलियों में भी सब्जिया बेचने जाते है।वही अंकिता भी शाम को अपने माता पिता को इस काम में मदद करने के लिए अक्सर आ जाती थी।
अंकिता ज्यादा से ज्यादा समय अपनी पढ़ाई को दिया करती थी, दिन में वह 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी, तो वहीं शाम को पिता के साथ सब्जी बेचने का काम संभालती थी। वहीं इसके बाद अंकिता, रात को भी पढ़ाई किया करती थी, जिसका परिणाम रहा कि सिविल जज की परीक्षा में अंकिता ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए, इस परीक्षा को पास किया है। वहीं अंकिता की इस उपलब्धि के बाद उनका पूरा परिवार बेहद खुश नजर आ रहा है।
अंकिता पिछले 3 सालों से सिविल जज बनने की तैयारी कर रही थीं, जहां वह लगातार परीक्षा देती रहती थीं, दो बार अंकिता का सिलेक्शन नहीं होने के बावजूद उनके माता-पिता ने उन्हें हौसला दिया, जिसका परिणाम रहा कि आखिरकार अंकिता ने सिविल जज परीक्षा को पास करते हुए अपना मुकाम हासिल किया। अंकिता अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।