विदेश मे भी भारतीय गाय के गोबर की भारी डिमांड, कुवैत भेजा जाएगा 192 मी. टन गाय का गोबर, 15 जून को कंटेनर से होगी रवानगी

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भारत मे गाय को माता का दर्जा मिला हुआ हे, वही गाय को पवित्र मान कही धर्म के लोग गाय की पूजा करते हे. वैसे देखा जय तो गाय से मिलने वाली हरेक चीज मनुष्य के काम आती हे. चाहे दूध हो या दूध से बने प्रोडक्ट्स घी दही. गाय का मिल्क भी सर्वोच्च माना गया हे. साथ ही गौ मूत्र के फायदे किसी से छुपे नहीं हे. वही गाय के गोबर का इस्तेमाल घर बनाने से लेके, खेत मे खाद के तौर पर तो पूजा विधि मे भी किआ जाता हे.

गे के मूत्र और गोबर का इस्तेमाल करने पर कुछ सालो पहले तक जो देश भारत पर हस्ते थे आज वही देश गाय का महत्त्व समज पाए हे. ऐसे मे गाय के बोगर की डिमांड अब विदेशो मे भी बडी हे और अब कंटेनर मे भरके इसे विदेशो मे ले जाया जायेगा. मुस्लिम बहुल देश कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने रिसर्च में यह दावा किया है। इसके बाद भारत को पहली बार देशी गाय के गोबर का बोहत बडा ऑर्डर मिला है। 1

आपको बता दे की जयपुर से 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर कुवैत भेजा जाएगा। यह आर्डर टोक रोड स्थित श्री पिंजरापोल गोशाला स्थित सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में कंटेनर में गोबर की पैकिंग की जा रही है। इसकी पहली खेप के रूप में 15 जून को कनकपुरा स्टेशन पोहचाई जाएगी वह से मुंबई और मुंबई से जहाज मे से कंटेनर के द्वारा विदेश भेजा जायेगा.

एक सूचि के अनुसार भारत मे मवेशियों की संख्या तीस करोड है। इनसे रोज 30 लाख टन गोबर मिलता है। इतनी बडी मात्रा मे गोबर मिलने के बाद भी इसमें से तकरीबन तीस फीसदी को उपला बनाकर जला दिया जाता हे. वही ब्रिटेन में गोबर गैस से हर साल सोलह लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, तो चीन में डेढ़ करोड़ परिवारों को घरेलू ऊर्जा के लिए गोबर गैस की आपूर्ति की जाती है। कुवैत भी गाय के गोबर को खजूर की फसल मे उपयोग मे लेने वाले हे. गौ हत्या करने वाले देश भी बोल उठे जय गौ मैया!

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