पिछले दो दिनों से अल्मोड़ा का प्रदीप मेहरा अपने जज्बे व जुनून से सबके दिलों पर छाया हुआ है। नौकरी के साथ ही सेना में भर्ती होने के समर्पण को देख हर कोई दंग है। भारत ही नहीं विश्वस्तर पर लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।दिल्ली की सड़कों में रात के समय दौड़ लगाने वाला प्रदीप मेहरा आप किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया ब्लॉक के ढनाड़ गांव निवासी प्रदीप मेहरा बेहद गरीब परिवार से है।प्रदीप के पिता त्रिलोक सिंह मेहरा धनाड़ गांव में ही रहते हैं। वह काफी गरीब है। गांव मे रहकर खेतीबाड़ी करते हैं। वहां फोन तक की सुविधा नहीं है।आपदा में गिर गया घर। पैतृक आवास आपदा से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहां अब कोई नहीं रहता। वर्तमान में वह इंदिरा आवास से बने एक मकान में रहते हैं।
12वीं पास है प्रदीप
धनाड़ निवासी प्रदीप मेहरा पुत्र त्रिलोक सिंह मेहरा राजकीय इंटर कॉलेज तड़ागताल से 12वीं की कक्षा पास कर बीते वर्ष निजी कंपनी में नौकरी के लिए दिल्ली रवाना हो गया। पढ़ाई छूटी तो करने लगा नौकरी। प्रदीप का भाई पंकज मेहरा 21 वर्ष पहले से ही एक निजी कंपनी में काम कर रहा था। दोनों साथ में प्राइवेट कंपनी में नौकरी का अपने परिवार का भरण पोषण करने लगे।
मां लंबे समय से बीमार
प्रदीप की मां बीना मेहरा बीते दो साल से बीमार है। बीते एक साल पहले वह दिल्ली के नागलोई में अपनी बहन के वहां आ गई थी। जहां रहकर वह अपना इलाज करा रही है। उसके बच्चे माँ के इलाज में मदद कर रहे हैं। उसको फेफड़ों में सूजन रहने की बीमारी है।