रूस ने यूरोप को धमकी देते हुआ कहा अगर ऑयल और गैस खरीदना है तो करता होगा यह काम

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जैसे कि आप जानते हैं पिछले 1 महीने से भी ज्यादा वक्त से रूस और यूक्रेन के बीच में जंग चल रही है. इस जंग की वजह से पूरे विश्व में कच्चे तेल और दूसरे खनिजों की कीमतें लगातार बढ रही हे. इसका असर भारत में भी आंशिक रूप से देखने को मिल रहा है. जहां यूरोप रशिया के खिलाफ खड़ा है मगर आज भी यूरोप को ज्यादातर ऑइल गैस रूस से खरीदना पड रहा है. विश्व मे रशिया को कहीं तरीके के पाबंदियां लगाई गई है ऐसे में रसिया के साथ डॉलर मे व्यापार पर भी रोक लगाई गई हे.

पुतिन ने हाल ही मे नॉट जारी करते हुए कहा कि अगर रूसी खनिज खरीदना है तो रूसी बैको मे रूबल अकाउंट खोलने होगे। 1 अप्रैल से जो भी गैस की सप्लाई की जाएगी उसका पेमेंट इन्हीं अकाउंट में आएगा अगर रूबल अकाउंट से भुगतान नहीं किया जाएगा तो जो भी देश हमारे यहां से पेट्रोल और डीजल गैस खरीदेगा उसको डिफॉल्टर माना जाएगा और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

पुतिन की इस मांग को यूरोपियन देशों ने ठुकरा दिया है. दोनों देशों में तनाव की स्थिति भविष्य में देखने को मिल सकती है. आपको बता दे की रूस के गैस का सबसे बड़ा उपभोक्ता जर्मनी है. जर्मनी म ऑटो और मशीनरी इंडस्ट्री भी बड़े पैमाने में है जिसे गैस की जरूरत पडटी हे. ऐसे में पुतिन ने जो रूबल की मांग की है उसको ब्लैकमेलिंग करार दिया गया है यूरोप का कहना है कि गैस की बढी हुई कीमत पहले से ही बर्दाश्त के बाहर है. ऐसे में अगर रूबल से पेमेट करने के बाद इससे मुश्किलें और बढ सकती है.

पुतिन के इस फैसले के बाद इन देशों में क्या सप्लाई को लेकर एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. ऐसी स्थिति में यूरोपियन देशो ने आपातकालीन योजनाएं बनाना शुरू कर दिया है. यूरोपियन देशों ने बताया कि वह रूसी गैस की आपूर्ति के लिए दूसरे विकल्प ढूंढ रही है और भविष्य मे अगर मुश्किल फैसले लेने पड तो उसके लिए भी तैयार है. वहीं रूस के साथ हुई डील के अनुसार अगर अप्रैल में सप्लाई हुई तो उसके लिए पेमेंट अप्रैल और मई के दूसरे क्वार्टर में करना होगा। ऐसे में इन देशों को गैस सप्लाई बनाए रखने के लिए अपनी व्यवस्था है जमाने में समय भी मिल जाएगा। साथ ही रसिया भारत को डिस्काउंट प्राइस के साथ ऑइल दे रहा है साथ ही रशिया ने वादा किया है कि अगर इंडिया को ऑइल खरीदना है तो वह युद्ध के पहले की कीमतो मे सिर्फ इंडिया को ऑइल देगा। भारत को लेकर उसने नर्म रुख दिखाया है और भारत को पेट्रोल डीजल के क्षेत्र में हर संभव मदद करने के लिए कहा है.

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