राज बहादुर अपनी आधी पगार रजनीकांत को उनके सपने पूरे करने के लिए दे देते थे, ऐसी दोस्ती आपने शायद ही कहीं देखी होगी।

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रजनीकांत को आज कौन नहीं जानता है, रजनीकांत साउथ में ही नहीं मगर उन्होंने पुरे भारत मे अपनी एक्टिंग से लोहा मनवाया है। रजनीकांत के अलग से अंदाज को लोग आज भी बेहद पसंद करते हैं। पूरे भारत में ऐसा मशहूर एक्टर शायद ही कोई होगा। रजनीकांत का जीवन में संघर्ष से भरा रहा रहा है। रजनीकांत को कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार अवार्ड से नवाजा गया। इस दौरान रजनीकांत ने अपने मित्र राजबहादुर को याद किया और रजनीकांत ने बताया कि वह यह अवार्ड उनके साथ काम कर रहे बस ड्राइवर और उनके जिगरी दोस्त राजबहादुर को समर्पित करते हैं।

आपको बता दें कि रजनीकांत शुरू के दौर मे या जवानी के वक्त बस कंडक्टर थे, और उसी बस के ड्राइवर यानी राजबहादुर। खबरों की माने तो राजबहादुर और रजनीकांत का याराना 50 साल से भी अधिक साल पुराना है। लोगों की मानें तो जब वह बस कंडक्टर थे उस वक्त रजनीकांत को शायद ही कोई जानता था, मगर उनके मित्र राजबहादुर ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और रजनीकांत को बताएं कि अगर तुम सिनेमा की तरफ आगे बढोगे तो मेरे से बनती में हर मदद तुमको करूंगा। रजनीकांत को हमेशा मोटिवेट करते रहते थे और रजनीकांत के सक्सेस के पीछे उनका बहुत बड़ा हाथ माना जाता है।

इनकी मित्रता कृष्णा सुदामा से कुछ कम नहीं थी। रजनीकांत को शिवाजीराव गायकवाड में से रजनीकांत बनाने वाले उनके प्रिय मित्र राजबहादुर ही है। रजनीकांत का तमिल भाषा सीखने में भी उन्होंने बहुत मदद की थी। उनके मित्रों ने रजनीकांत को समझाया कि वह या नौकरी छोड़ के एक्टिंग कोर्स ज्वाइन कर लें और वह तनख्वाह में से वह आधा पैसा रजनीकांत को भेजेंगे जिससे वह अच्छी तरह से एक्टिंग का कोर्स कर पाए। जब एक्टिंग का एक बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा गया था तब वहा फिल्म निर्माता बालाचंद्रन आए हुए थे रजनीकांत ने उनके सामने अभिनय किया, और बालाचंद्रन को रजनीकांत का अभिनय इतना पसंद आया होगा कि उन्होंने रजनीकांत से बोला कि तुम तमिल लैंग्वेज सीख लो आगे का मैं देख लूंगा। उसके बाद रजनीकांत ने यह बात जब उनके मित्र राजबहादुर से की तो राजबहादुर ने रजनीकांत को तमिल लैंग्वेज सिखाने का वादा किया और सिखाया भी।

जब रजनीकांत ने नौकरी छोड़ के एक्टिंग की दुनिया में हाथ आजमा रहे थे तब उनकी आमदनी का जरिया कोई नहीं था, तो राजबहादुर अपनी तनखा यानी महीने का ₹400 में से ₹200 रजनीकांत को भेज दिया करते थे। राजबहादुर आज अपनी नौकरी से रिटायर है और एक आम जिंदगी जी रहे हैं मगर आज भी रजनीकांत किसी भी वक्त उनके घर उनसे मिलने पहुंच जाते हैं। रजनीकांत को आज भी कोई बड़ा फैसला लेना हो तो अपने मित्र राजबहादुर को जरूर शामिल करते हैं और उनका विश्वास या सलाह के साथ आगे बढते हे. ऐसी दोस्ती आज के वक्त में काफी कम देखने को मिलती है।

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