उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह कल शाम को पंचतत्त्व में विलीन हो गये । पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत नाजुक चल रही थी इसकी वजह से उन्हें लखनऊ के संजय गांधी आयुविज्ञान संस्थान में उनका इलाज चल रहा था ।
कल्याणसिंह की तबियत पिछले एक साल से खराब चल रही थी । उनको पिछले साल के सितम्बर महीने में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था । वहा कुछ दिनों तक उनका इलाज चला उसके बाद उन्हें गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल में सारवार के लिये दाखिल कराया गया था । यशोदा हॉस्पिटल में कोरोना से ठीक हो जाने के बाद उन्हें घर ले जाया गया था । लेकिन इस जुलाई महीने में फिरसे तबियत ख़राब होने पर उन्हें फिर से लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था ।
लोहिया हॉस्पिटल में सभी मेडिकल रिपोर्टस के दौरान मालूम हुआ के उन्हें ब्लड सुगर और एक्यूट बैक्टीरियल इंफेक्शन पाया गया था । सिटी स्केन कराने के बाद मालूम हुआ के उनके मस्तिक में खून के थक्के भी है । उनकी बॉडी में माइनॉर हार्ट अटैक के भी लक्षण पाये गए थे । जुलाई 4 तारीख को उन्हें लोहिया हॉस्पिटल से एसजीपीजीआई में दाखिल किया गया था । कुछ दिनों के बाद उनकी तबियत और बिगड़ी तो अस्प्ताल वालो ने उनके घरवालो को भी अस्पताल में बुला दिया था ।
खबरों के अनुसार भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता जैसे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथसिँह,सीएम योगी आदित्यनाथ और बाकी भाजपा के नेता उनका खबर अंतर पूछने के लिये हॉस्पिटल में आते जाते रहते थे । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कल्याण सिंह की तबियत के बारे में अपडेट लेते रहते थे ।
कल्याणसिंह पिछले कई दिनों से अपनी बीमारी से लड़ रहे थे । आपको बतादे के वह करीब पिछले 52 दिनों से वेंटिलेटर पर थे । डॉक्टर ने बताया के कुछ दिनों पेहले उनकी किड़नी में थोड़ा सुधार आया था,लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से उनकी तबियत बिगड़ने लगी । किडनी के लिये उन्हें डायालिसिस भी की जा रही थी । डॉक्टर ने बताया के कोरोना में संक्रमित होने से उनके फेफड़े भी अच्छे से काम नही कर रहे थे ।