हम सभी ने पढाई की है। बचपन में जब स्कुल में छुटिया होती थी तो हम सब अपने अपने माँ के घर चले जाते है और वहुत मस्ती करते थे। लेकिन आज के ज़माने में कई बच्चे ऐसे भी है जो बचपन में मामाँ के घर जाने के बजाय काम करने जाते है। यह सुनकर आपको हैरानी हुई होगी,लेकिन आपको बतादे के यह बात सच है यकींन नहीं आता है तो यह कहानी को पूरा पढ़िये।
हम सब ने यह देखा है के बच्चो को अपने माँ बाप का कर्ज चुकाना पड़ता है। बाप के सर पर जो कर्जा होता है उसको चुकाने की जिम्मेदारी बच्चो की होती है। लेकिन बच्चे तब बाप का कर्ज चुकायेंगे जब वे बड़े हो जाए या फिर कमाने के लायक बन जाए। आज हम एक ऐसे बेटे की कहानी लेकर आये है जिसे पढ़कर आप सभी की आँखे नम हो जायेगी।
दरसल हम बात कर रहे है हम्पी के रहने वाले इस बच्चे के बारे में। जो उसके माँ बाप का कर्जा उत्तारने के लिए मुंबई आया हुआ है। मुंबई की सड़को पर जूते पॉलिश करने का काम करता हैं। उसके माता पिता कयूपर बहुत कर्ज हैं इसलिए उनकी मदद करने वो अपने चाचा के साथ जूते पॉलिश करने बैठ जाता हैं।
बच्चे ने इस निजी चैनल से बात करते हुए बताया के मैं हम्पी से हूँ, स्कूल की छुट्टियों में अपने चाचा की दूकान पर काम करता हूँ। ताकि माता पिता का कर्ज चुक जाए. मैं यहाँ सुबह से लेकर शाम तक बैठता हूँ, कई प्रकार के ग्राहक रोज आते हैं. कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट, ऑफिस जाने वाले, आंटियां और अंकल्स वगेरा वगेरा।मैं भगवान से रोज प्रार्थना करता हूँ कि मेरे माता पिता का कर्ज जल्दी चुक जाए ताकि मैं स्कूल जा सकूं, अपनी पढ़ाई पूरी कर सकूं, नौकरी कर सकूं, अच्छी सैलरी मिल सके।