मुहर्रम पर हर साल राजा भैया के पिता करवाते थे हनुमान मंदिर में भंडारा, पिछले 5 साल से लग गई रोक, जानिए क्यों?

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राजा भैया, नाम ही काफी है| उत्तरप्रदेश की राजनीति में अमर राजनेता रघुराज प्रताप सिंह जिन्हें आप राजा भैया के नाम से पहेचानते होंगे| राजा भैया पिछले 7 बार से निर्दलीय विधायक छीने जाते है| कुंडा से लगातार 7वि बार विधायकी का चुनाम जीतकर राजा भैया ने नया रेकोर्ड बनाया है| राजा भैया और उनके परिवार का इस इलाके में वर्चस्व है| उनके पिता का नाम उदय प्रताप सिंह है| वह भदरा रियासत के महाराजा है|

हर साल राजा भैया के पिता उय प्रताप सिंह महर्रम के दिन हनुमान पाठ करवाते थे और भंडारा भी लगवाते थे| लेकिन साल 2017 से उनको हनुमान पाठ और भंडारा लगाने पर पाबंदी लगा दी गई है| प्रशासन उनको यह करने की अनुमति नहीं देता है| उनको हरसाल मुहर्रम के दिन नजरबंद कर दिया जाता है| पिछले साल उनको 2 दिन के लिए नजरबंद करा गया था| उनके साथ अन्य 10 लोगो कोभी महल में नजरबंद कर दिया गया था| लेकिन ऐसा क्यों होता है वह आज हम आपको बताएँगे|

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कुंडा के शेखपुर इलाके में मुहर्रम के दिन ही एक बन्दर की मृत्यु हो गई थी| बन्दर के प्रति श्रध्धा के चलते गाव वालोने वहा पर उसका मंदिर बनवाया| मंदिर की देखभाल उदय प्रताप सिंह की देख रेख में होती थी| बन्दर की मृत्यु मुहर्रम के दिन होने से हर साल उदय प्रताप सिंह मुहर्रम के दिन उस मंदिर में पाठ करवाते है और भंडारा लगवाते है|

साल 2015 में दोनो समुदायों के बिच तनाव की परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी| बाद में मुस्लिम समाज ने भंडारे को रुकवाने केलिए कोर्ट का रुख किया| 2016 में कोर्ट ने प्रशासन को माहौल को शांत रखने और भंडारे का आयोजन स्थगित रखने का आदेश दिया| इसके बाद 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई| सरकार नेभी क्षेत्र में शांति बनाये रखने और कानूनी व्यवस्था ठीक रखने के लिए कोर्ट के आदेश का पालन किया और उदय प्रताप सिंह को नजर बंध कर दिया|

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