‘माला नहीं तोड़ूँगा, धर्म का पालन करूँगा’: ऑस्ट्रेलिया में 12 साल के लड़के को खेल से किया बाहर

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ओस्ट्रेलिया से एक गर्व करने वाली घटना सामने आई है| यहाँ पर एक छोटे बच्चे ने जो करा है वह काबिले तारीफ़ है| अपने धर्म के प्रति इतना सनमान दिखाकर 12 वर्षीय शुभ पटेल ने एक मिसाल कायम करी है| शुभ पटेल ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले मूल भारतीय है| उनका यह कदम आज पुरे सोसियल मिडिया पर तारीफ़ के पात्र बना है|

दरअसल ओस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में 12 वर्षीय हिन्दू फूटबोल प्लेयर शुभ पटेल को अपनी गले में पहनी तुलसी की माला को उतरने को बोला गया था| शुभ ने माला को उतरनेसे इनकार कर दिया था| तब उसे मेच से बहार कर दिया गया था| शुभ इस माला को जब वह 5 साल के थे तब से पहन रहे है| मिडिया से बात करते हुए शुभ ने कहा था की “सिर्फ एक फूटबोल मेच के लिए, में इसे तोड़ने के बजाय अपने धर्म का पालन करना पसंद करूँगा|”

स्वामीनारायण के भक्त शुभ ने आगे कहा की “अगर वह उस माला को उअतर देते तो भगवान को लगता की मुझे उन पर विश्वास नहीं है|” उन्होंने आगे कहा था की यह माला उन्हें आत्मविश्वास देती है और वह सुरक्षित महेसुस करते है| मेच न खेल पाने की वजह से शुभ एक कोने में बेठ कर अपनी टीम को खेलते हुए देखने लगा|

कथित तौर पर कहा जाता है की, फीफा के नियमो के अनुसार कोई हिलादी खेलते समय एसा कोई उपकरण या चीज नहीं पहें शकता जिससे अन्य खेलाडी को चोट पहुचे| 2014 से पहले फीफा ने हिजाब पर प्रतिबन्ध लगते हुए कहा था की इससे खेलाडी को शिर और गर्दन पर चोट लगने का खतरा रहता है|

ओस्ट्रेलिया में फूटबोल को गवर्न करने के लिए एक बॉडी बने गई है जिसका नाम फूटबोल क्वींसलेंड है| उन्होंने इस घटना के ऊपर जांच शरु करदी है| और उसके बाद शुभ पटेल और टूवोंग सोकर क्लब से माफ़ी भी मांगी है| उन्होंने आगे कहा था की वह सभी धर्मो का आदर करते है और फूटबोल सबसे स्वागत योग्य और समावेशी खेल है|

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