मां-बाप कभी स्कूल नहीं गए, दिहाड़ी मजदूर के बेटे को अमेरिका से मिली करीब ढाई करोड़ की स्कॉलरशिप

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वो कहते है बच्चे ही हमारा असल धन है वो आज बिहार के एक लड़के ने साबित कर दिया है। बतादे के बिहार के इस लड़के ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जिससे कई सारे बच्चे उनसे प्रभावित हो सकते है। बिहार के लड़के ने ऐसा काम कर दिखाया है के जिसके बारे में उसके माँ बाप ने सोचा तक नहीं होगा। बिहार का यह लड़का अब अमेरिका जाकर पढाई करेगा।

तो आपको हैरानी होगी के इस में कोनसी खास बात है हमारे देश में से तो हर साल हजारो को संख्या में छात्र पढ़ने के लिए विदेश जाते है। बतादे के यह बच्चे और परिवार के लिए बहुत ख़ास बात थी क्योकि बच्चे के माँ बाप खुद कभी स्कुल में नहीं गए है। लेकिन अब उनका बेटा अमेरिका में अपने मां-बाप के अलावा देश का भी नाम रोशन करेगा। स्कॉलरशिप से चार साल की मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंटरनेशनल रिलेशनशिप की पढ़ाई करेंगे। यह बच्चा स्कॉलरशिप पाने वाला पहला महादलित छात्र भी बन गया है।

बिहार के एक गांव के एक दलित छात्र ने अपने गांव ही नहीं बल्कि देश का भी नाम रोशन कर दिया है। जिसे कभी पढ़ाई करने बेहतर सुविधाएं नहीं मिल सकीं। अब वो अमेरिका के पेनसिल्वेनिया के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ाई करेगा। उसे अमेरिकी से 2.5 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है।

दरअसल, जिस शख्स ने यह उपलब्धियां हासिल की है, उसका नाम प्रेम कुमार है। कुमार के पिता जीतन मांझी दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। 10 साल पहले प्रेम की मां का निधन हो गया था। प्रेम कुमार बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ के गोनपुरा गांव के रहने वाले हैं।

प्रेम पांच बहनों में इकलौता भाई है। प्रेम की इस उपलब्धि के बाद एक ओर जहां परिवार में खुशी का माहौल तो वहीं दूसरी ओर उसे बधाई भी मिल रही है। सबसे बड़ी बात है कि इस उपलब्धि के पीछे प्रेम का लगन और जुनून ही है, जिससे उसने इस मुकाम को हासिल किया है। प्रेम के पास किसी तरह की सुविधा नहीं है। यहां तक कि उसका घर झोपड़ी के जैसा है। अब प्रेम इस झोपड़ी से निकलकर अमेरिका के एक बड़े कॉलेज में पढ़ाई करेगा।

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